नए सेना प्रमुख पांडे की उपलब्धियों से शहर अभिभूत

City overwhelmed by achievements of new army chief Pandey
नए सेना प्रमुख पांडे की उपलब्धियों से शहर अभिभूत
नियुक्ति नए सेना प्रमुख पांडे की उपलब्धियों से शहर अभिभूत

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे नए थल सेना प्रमुख नियुक्त किए गए हैं। वह एमएम नरवणे की जगह लेंगे। जनरल नरवणे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे भारतीय सेना के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। मूलत: नागपुर निवासी लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे 37 वर्ष से सेना में सेवारत हैं। अभी तक कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे पहले इंजीनियर होंगे, जो भारतीय थल सेना की कमान संभालेंगे। जनरल मनोज पांडे अभी उप सेना प्रमुख हैं।

परिवार में जश्न :  मनोज पांडे की उपलब्धि को लेकर नागपुर खासकर उनके परिवार में जश्न का माहौल है। मनोज पांडे के साले सुनील साल्पेकर ने दैनिक भास्कर से अपनी खुशी साझा करते हुए बताया कि उन्हें इसकी जानकारी टीवी चैनल के माध्यम से मिली। खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अचानक मिली इस सरप्राइज से पूरा परिवार खुशी से झूम रहा हैं। लगातार बधाईयां मिल रही हैं। जनरल मनोज पांडे के पिता डॉ. चंद्रशेखर पांडे की पहली प्रतिक्रिया यही थी कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है, जो आज इस मुकाम पर पहुंचा।

ऐसी है पृष्ठभूमि : नागपुर विद्यापीठ के मानसशास्त्र विभाग के पूर्व प्रमुख, वरिष्ठ मानसतज्ञ डॉ. चंद्रशेखर पांडे और नागपुर आकाशवाणी की उद्घोषिका प्रेमा पांडे के वे पुत्र हैं। पांडे के छोटे भाई संकेत पांडे भी सेना में कर्नल थे। सबसे छोटे भाई डॉ. केतन पांडे ब्रुनोई के मुख्य वैद्यकीय अधिकारी थे। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे की प्राथमिक शिक्षा नागपुर स्थित वायुसेना नगर के केंद्रीय विद्यालय में हुई। ग्यारहवीं के बाद केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास कर पुणे के नेशनल डिफेंस अकादमी में भर्ती हुए। तीन वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद उन्होंने देहरादून के मिलिटरी इंजीनियरिंग कॉलेज से अभियांत्रिकी की डिग्री ली। 1982 में पुणे के कोर ऑफ इंजीनियर्स (बॉम्बे सैपर्स) सेना अभियांत्रिकी सेवा में शामिल हुए। कैम्बर्ली (ब्रिटेन) स्टॉफ कॉलेज, महु के आर्मी वॉर कॉलेज, दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज से ‘हायर कमांड कोर्स’ किया है। मनोज पांडे ईस्टर्न कमांड के प्रमुख भी रह चुके हैं।  

वे ऐसे आए सेना में : घर में सैन्य पृष्ठभूमि न होने के बावजूद उनके सेना में जाने की कहानी दिलचस्प है। पांडे परिवार नागपुर यूनिवर्सिटी कैंपस में रहता था। आसपास कोई बड़ा स्कूल नहीं था। हालांकि, घर से कुछ दूरी पर वायु सेना नगर में एक केंद्रीय विद्यालय था, लेकिन उसमें बाहरी स्टूडेंट्स के लिए कोई प्रवेश नहीं था। उनके पिता डॉ. पांडे ने वायु सेना के अधिकारियों से मनोज को स्कूल में दाखिला देने के लिए अनुरोध किया, जिसे उन्होंने मान लिया। यहां पढ़ने के दौरान उन्होंने सेना का अनुशासन देखा और यहीं से मन बनाया कि वे भी आर्मी ज्वाइन करेंगे।

अच्छे क्रिकेटर रहे हैं पांडे : 1962 में पैदा हुए मनोज पांडे एक अच्छे क्रिकेटर रह चुके हैं। स्कूल के दिनों में अंडर-19 टीम से विदर्भ के लिए भी खेल चुके हैं।

पांडे साल में कई बार पिता से मिलने आते हैं : लेफ्टिनेंट जनरल पांडे की माता जी अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा पेश किए जाने वाले ‘बेला के फूल" कार्यक्रम आज भी नागपुर के लोग याद करते हैं। डॉ. सीजी पांडे अब काफी बुजुर्ग हो चुके हैं और वे नागपुर यूनिवर्सिटी कैंपस में ही रहते हैं। मनोज पांडे साल में कई बार पिता से मिलने आते हैं।

 
 

Created On :   19 April 2022 12:33 PM IST

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