- Home
- /
- 35 साल पुराना स्कूल, खतरे में...
35 साल पुराना स्कूल, खतरे में मासूमों की जान फिर भी पढ़ने मजबूर

डिजिटल डेस्क, मंडला. शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। यहां जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर ग्राम माली मोहगांव में प्राथमिक शाला भवन जर्जर है। छप्पर क्षतिग्रस्त है। जिससे यहां हादसे की संभावना है। आसमान खुले होने की स्थिति में स्कूल की कक्षाएं बाहर लगा रहे है। बारिश के समय स्कूल में पढ़ाई नहीं हो पा रही है। बच्चों को बस्ता और किताबें समटने पड़ती है। यहां बैठने के लिए जगह नहीं रहती है। स्कूल की मरम्मत के लिए विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
जानकारी के मुताबिक प्राथमिक शाला माली मोहगांव के भवन का निर्माण वर्ष 1982 में किया गया था। यहां भवन पुराना होने के कारण जर्जर हो गया है। भवन की दीवार भी क्षतिग्रस्त है। छप्पर के खप्पर निकल गए है। यहां लकड़ी के मलगा और बल्ली कमजोर है। बारिश का पानी सीधे कमरों में आता है। बारिश के दौरान कमरे लबालब भर जाते है। जिससे बच्चों की बैठने के लिए जगह नहीं रहती है। बच्चों की बस्ता किताबे समेटने पड़ते है। यहां भवन जर्जर होने के कारण हादसा का अंदेशा बना हुआ है।
बारिश के समय शिक्षक एक सुरक्षित कमरे में बच्चों को खड़े कर लेते है। जिससे कोई नुकसान नहीं हो। खुले मौसम में कक्षाएं शिक्षक बाहर लगाते है। यहां स्कूल में दर्ज संख्या हर साल बढ़ रही है। लेकिन सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। स्कूल की दर्ज संख्या 67 है। कक्षा पहली में 9, दूसरी में 16, तीसरी में 21, चौथी में 14 और पांचवी में 5 है। बच्चों के हिसाब से कमरे भी नहीं है। स्कूल भवन की मरम्मत नहीं होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल की शैक्षणिक गुणवत्ता नहीं सुधर पा रही है।
हर साल लिख रहे पत्र
यहां स्कूल भवन की मरम्मत के लिए स्कूल प्रबंधन और पालक शिक्षक संघ के द्वारा हर साल विभाग को पत्र लिखे जा रहे है। जिसमें भवन की हालत अवगत कराया है। पिछले 4 साल के यहां ग्रामीण भी प्रशासन को आवेदन देकर भवन की मरम्मत की मांग कर रहे है। विभाग ने बाऊंडीवाल और मरम्मत का प्रस्ताव कार्ययोजना में बनाकर शासन को भेजा हैं। लेकिन सुधार कार्य नहीं हुआ है। स्कूल भवन की दुर्दशा सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है। यहां कागजी खानापूर्ति की जा रही है। जिससे किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है।
पंचायत करेगी प्रयास
लगातार आवेदनों के बाद मरम्मत का कार्य प्रशासन स्तर से नहीं होने के कारण अब पंचायत मरम्मत का प्रयास करेगी। सरपंच पंचमलाल मरावी ने स्कूल की जर्जर को सुधारने के लिए पंचायत से राशि खर्च करने का फैसला लिया है। पंचायत बच्चों को बैठने के लायक कमरा बनाने के लिए सीट लगाएगी। लेकिन इसमें समय लगेगा। फिलहाल बच्चो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जनशिक्षकों ने किया निरीक्षण
यहां शनिवार को जनशिक्षकों ने स्कूल का निरीक्षण किया है। सतीष मिश्रा, उदयकांत अवस्थी ने शिक्षकों से स्कूल की कक्षाएं बाहर लगाने की जानकारी ली। यहां शिक्षकों के द्वारा स्कूल भवन जर्जर होने के बारे में बताया है और स्कूल की मरम्मत कराने की मांग भी की है।
मामले में जिम्मेदार अधिकारी द्वारा गया है कि भवन जर्जर होने की जानकारी पत्र के माध्यम से विभाग को दे चुके है, सरपंच ने निरीक्षण किया था, पंचायत से मरम्मत कराने की बात कह रहे थे, यहां भवन की हालात काफी खराब है, मरम्मत होना आवश्यक है।
Created On :   9 July 2017 12:50 AM IST