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डेढ़ माह में निकल गई स्वच्छता अभियान की हवा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे प्रशासन की ओर से प्रतिवर्ष गांधी जयंती से "स्वच्छ रेल, स्वच्छ परिसर" अभियान के तहत अलग-अलग विभागों में स्वच्छता अभियान, स्वच्छता पखवाड़ा चलाया जाता है। अक्टूबर माह में रेलवे स्टेशन परिसर से लेकर गाड़ियों की सफाई की जाती है। लगभग डेढ़ महीने में ही रेलवे प्रशासन के स्वच्छता अभियान की हवा निकल गई। जायजा लेने पर कुछ ऐसा ही नजारा स्टेशन परिसर का दिखाई दिया। कचरे से लबालब भरे डस्टबिन, गमलों में पान की पिचकारी व प्लेटफार्म परिसर में धूल व कचरा। सफाई को लेकर रेलवे प्रशासन की लापरवाही को उजागर करते दिखा। हालांकि इस बारे में रेलवे प्रशासन का दावा है कि, नियमित रूप से रेल परिसर की सफाई की जाती है।
कचरे व धूल से पटा सामान्य प्रतीक्षालय
यात्रियों को बैठने के लिए स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 मुंबई एंड की ओर आरपीएफ थाने के समीप सामान्य प्रतीक्षालय बनाया गया है। जहां यात्री बैठकर गाड़ियों का इंतजार करते हैं। कई दिनों से सफाई नहीं होने से धूल व कचरा बिखरा पड़ा है।
नियमित की जाती है सफाई : हमारी ओर से नियमित सफाई की जाती है। एस.जी. राव, सहायक वाणिज्य प्रबंधक, मध्य रेलवे नागपुर मंडल
सामान्य होती रेल सेवा सफाई पर ध्यान नहीं
मध्य रेलवे के मुख्यतम स्टेशनों में नागपुर स्टेशन का समावेश है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए गाड़ियों की संख्या सीमित कर दी गई थी, लेकिन अब स्थिति सामान्य होने के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही ट्रेनों के साथ ही स्टेशन पर यात्रियों की चहल-पहल बढ़ गई हैं। उम्मींद थी, कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लेकर रेलवे प्रशासन द्वारा साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। स्टेशन परिसर व मुख्य द्वार के आसपास प्लास्टिक की कैन,पॉलीथिन के ढेर, प्लेटफार्म पर फलों के छीलके पड़े-पड़े सूखने लगे हैं। इतना ही नहीं तो मुख्य द्वार पर रखे गमले से पौधे सूख गए, जिसे लोगों पीकदान बना डाला।
Created On :   20 Nov 2020 3:54 PM IST