तीसरी लहर से निपटने 40 वॉलेंटियर्स पर क्लीनिकल ट्रायल

Clinical trial on 40 volunteers tackling the third wave
तीसरी लहर से निपटने 40 वॉलेंटियर्स पर क्लीनिकल ट्रायल
तीसरी लहर से निपटने 40 वॉलेंटियर्स पर क्लीनिकल ट्रायल

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए शहर में क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। भारत बायोटेक कंपनी की कोवैक्सीन का पहला डोज दिया जा रहा है। मेडिट्रिना इंन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में रविवार को 12 से 18 आयुवर्ग के 40 ‘वॉलेंटियर्स’ को पहला डोज दिया गया। 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। 

आशंका को भांप तैयारी 
कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। तीसरी लहर में बच्चों को सर्वाधिक खतरा होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। उनकी सुरक्षा को देखते हुए 2 से 18 साल के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी डीजीसीआई (ड्रग कंट्रालर जनरल ऑफ इंडिया) ने दी है। देशभर के चार अस्पतालों को क्लीनिकल ट्रायल की शुरुअात करने की अनुमति दी गई है। इसमें नागपुर स्थित मेडिट्रिना इंन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस भी शामिल है। रविवार को यहां 12 से 18 साल आयु वर्ग के ‘वॉलेंटियर्स’ पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया गया है।

28 दिन बाद दूसरा डोज
12 से 18 आयुवर्ग के कुल 51 ‘वॉलेंटियर्स’ की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 40 का चयन किया गया। 11 में एंटीबॉडी पॉजिटिव पाए जाने से उन्हें वैक्सीन नहीं दी जा सकी। वैक्सीन देने के बाद इन ‘वॉलेंटियर्स’ को कुछ समय के लिए डॉक्टरों ने अपनी निगरानी में रखा था। दूसरा डोज लेने के लिए इन्हें 28 दिन बाद बुलाया गया है। क्लीनिकल ट्रायल के लिए इन बच्चों को तीन ग्रुप में रखा गया है। पहला ग्रुप 2 से 6 आयु वर्ग का, दूसरा 6 से 12 आयुवर्ग का  और तीसरा 12 से 18 आयु वर्ग का है। 

15 दिन पहले मिला पत्र  
 कोवैक्सीन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक कंपनी ने डीसीजीआई से ट्रायल की अनुमति मांगी। इसके बाद देश भर में चार सेंटर्स तय किए गए। इसमें दिल्ली और पटना के एम्स, हैदराबाद का नीलोफर अस्पताल और नागपुर के मेडिट्रिना का समावेश है। 15 दिन पहले क्लीनिकल ट्रायल के लिए पत्र मिला। इसके तुरंत बाद इन्स्टीट्यूशल इथिकल कमेटी की ऑनलाइन बैठक हुई। कमेटी की रिपोर्ट के बाद क्लीनिकल ट्रायल प्रारंभ किया गया।

पहले दिन 40 ‘वॉलेंटियर्स’ का चयन
रविवार को 12 से 18 आयुवर्ग के 51 ‘वॉलेंटियर्स’ की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 40 का चयन कर कोवैक्सीन का पहला डोज दिया गया है। अब उन्हें 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। कंपनी द्वारा 5-7 दिनों में सूचना मिलते ही अगला ट्रायल किया जाएगा। 
-डॉ. अाशीष ताजने, अधिकारी (मेडिजिन क्लीनिकल ट्रायल)

208 दिन चलेगा ट्रायल
28 दिन बाद जब ‘वॉलेंटियर्स’ दूसरा डोज लेने आएंगे, उस समय जांच के बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। फिलहाल अगले पांच से सात दिन तक यह ट्रायल नहीं होगा। कंपनी से अगली सूचना मिलने पर फिर से ट्रायल शुरू किया जाएगा। देश के चार अस्पतालों में 525 ‘वॉलेंटियर्स’ पर क्लीनिकल ट्रायल किया जाएगा। 208 दिन तक यह ट्रायल चलेगा। इसमें नागपुर में 150 से अधिक का लक्ष्य है। क्लीनिकल ट्रायल के लिए 150 से अधिक ‘वॉलेंटियर्स’ ने तैयारी दिखाई है। माता-पिता से अनुमति लेने के बाद ही उन्हें ‘वॉलेंटियर’ बनाया गया है। 
 

Created On :   7 Jun 2021 2:29 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story