- Home
- /
- यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध...
यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अध्ययन केंद्र का 28 को सीएम फडणवीस करेंगे लोकार्पण

डिजिटिल डेस्कक, नागपुर। यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अध्ययन केंद्र की इमारत का लोकार्पण 28 अप्रैल को सीएम देवेंद्र फडणवीस करेंगे। बौद्ध तत्वज्ञान के संशोधक और अभ्यासकों के लिए नवनिर्मित इमारत उपयोगी सिद्ध होने का विश्वास कुलगुरु सिद्धार्थविनायक काणे ने पत्र परिषद में व्यक्त किया। कुलसचिव पूरणचंद्र मेश्राम उपस्थित थे।
ग्रंथालय परिसर में निर्मित इमारत का शाम 7 बजे लोकार्पण होगा। इसके बाद अन्य कार्यक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में होगा।
अत्याधुनिक है अध्ययन केन्द्र
डॉ. आंबेडकर ने नागपुर में धम्मदीक्षा लेकर नागपुर शहर को विश्व में अलग पहचान दिलाई है। इसके चलते बौद्ध तत्वज्ञान के संशोधक और अभ्यासकों का नागपुर विद्यापीठ विशेष आकर्षण रहा है। परंतु अत्याधुनिक सुविधा नहीं रहने से उनकी निराशा होने से विद्यार्थियों की संख्या कम हो रही थी। इस कमी को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय के ग्रंथालय परिसर में केंद्र की अत्याधुनिक सुविधायुक्त इमारत का निर्माण किया गया। 11वीं पंचवर्षीय योजना में इसे मंजूर किया गया था। सन् 2015 में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने इमारत की आधारशिला रखी और दो साल में इमारत बनकर तैयार हो गई है।
लोकार्पण समारोह में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी प्रमुख अतिथि उपस्थित रहेंगे इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले, राज्य के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले, वधान परिषद सदस्य प्रा. जोगेंद्र कवाड़े, बौद्ध विचारक भदंत विमलकीर्ति गुणसिरी विशेष अतिथि उपस्थित रहेंगे। कुलगुरु सिद्धार्थविनायक काणे अध्यक्ष रहेंगे। प्र-कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले उपस्थित रहेंगे।
यह रहेगी सुविधा
दो मंजिला इमारत में तल माले पर केंद्र संचालक कक्ष, प्राध्यापकों के 2 कक्ष, ग्रंथालय, वाचन कक्ष, 2 कम्प्यूटर कक्ष, 4 क्लास रूम, 1-1 कार्यालय कक्ष और महिला कक्ष रहेंगे। पहली मंजिल पर पाली और प्राकृत विभाग रहेंगा। इसमें विभाग प्रमुख कक्ष और 3 प्राध्यापक कक्ष, प्रपाठक कक्ष, ग्रंथालय, स्टोर रूम, 2 कम्प्यूटर, 3 क्लास रूम, संशोधक छात्र कक्ष, कार्यालयीन कक्ष तथा सेमिनार हॉल रहेगा। 10 हजार 558 वर्ग फीट में निर्मित दो मंजिलों के निर्माण कार्य पर 5 करोड़, 47 लाख रुपए खर्च किया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से 50 लाख रुपए की सहायता मिली। अन्य खर्च विश्विद्यालय के साधारण निधि से खर्च किया गया।
Created On :   25 April 2018 11:45 AM IST