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फसल बेचने वालों को ही मिलेगा सीएम कृषक समृद्धि योजना का लाभ, 265 रुपए अतिरिक्त मिलेंगे

डजिटल डेस्क शहडोल । चुनावी वर्ष में सरकार लगातार सौगातेें बरसा रही है। अब समर्थन मूल्य में फसल बेचने वाले किसानों को बोनस के रूप में अतिरिक्त राशि मिलने वाली है। यह राशि पिछले सीजन में फसल बेचने वाले किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल और इस साल गेहूं बेचने वाले किसानों को 265 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से मिलेगी। पिछले रबी के सीजन में गेहूं की फसल बेचने वाले और खरीफ सीजन में धान बेचने वाले किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रोत्साहन राशि मिलेगी। यानि अगर किसी किसान ने 100 क्विंटल धान बेची है तो उसे 20,000 रुपए मिलेंगे। यह राशि 16 अप्रैल तक उनके खातों को ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके लिए विभिन्न सरकारी समितियों के अधिकारियों को मंगलवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में प्रशिक्षण दिया गया है। उनको समय का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि 2016-17 के रबी उपार्जन के दौरान संभाग में कुल 11389 किसानों ने गेहूं की फसल बेची थी। वहीं 2017-18 के खरीफ सीजन में 14984 किसानों ने धान की फसल बेची है। इन सभी को दो सौ रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ डीके सागर ने बताया कि इस वर्ष गेहूं की फसल बेचने वाले किसानों को 265 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाएगा। इस गेहूं बेचने के लिए संभाग के कुल 21426 किसानों ने पंजीयन कराया है। वहीं शहडोल जिले के 9603 किसानों ने पंजीयन कराया है। गेहूं बेचने वाले सभी किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
आज से दो दिन सामूहिक अवकाश पर कर्मचारी - विभिन्न मांगों को लेकर आठ कर्मचारी संगठन गुरुवार से दो दिन के सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। प्रांतीय संगठन के निर्देशानुसार सामूहिक अवकाश पर रहते हुए संगठन के लोग विरोध करेंगे। इस दौरान संगठन के लोग शासकीय कार्यालयों में जाकर कर्मचारियों की उपस्थिति भी देखेंगे। संगठन के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि सामूहिक अवकाश में मप्र. लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, मंत्रालयीन कर्मचारी, तृतीय वर्ग, लघु वेतन कर्मचारी, नपा व स्थानीय संस्था एवं प्रांतीय शासकीय राजस्व कर्मचारी के लोग शामिल होंगे। संगठन का कहना है उन्होंने इस संबंध में सरकार के समक्ष पहले भी अपनी मांगे रखीं थी, लेकिन निराकरण की बजाय लंबित रखा जा रहा है। इनकी प्रमुख मांगों में लिपिकों की ग्रेड पे उन्नयन कर कम्प्यूटर ऑपरेटर के बराबर की जाये। रमेशचंद शर्मा समिति की 23 अनुशंसाएं लागू की जायें। लोक निर्माण/जल संसाधन/पीएचई/वन विभाग के लिपिकों को बिना किसी शर्त के समय दिया जाए।
Created On :   12 April 2018 1:44 PM IST