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प्रमोशन में आरक्षण मामला : 154 PSI की नियुक्ति रद्द होने के मामले पर सीएम दे रहे ध्यान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के 154 पुलिस उपनिरीक्षकों की नियुक्त रद्द कर उन्हें दोबारा उनके मूल पदों पर भेजने के मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद ध्यान दे रहे हैं। सरकार इस बात का पूरा ध्यान रखेगी कि किसी के साथ अन्याय न हो। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह बात कही। मुनगंटीवार ने कहा कि अदालत के फैसलों के बाद इस तरह के मामले कई बार सामने आते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री मामले पर नजर रखे हुए हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई। ऐसे मामलों में विधि व न्याय विभाग संबंधित फैसले की जांच पड़ताल करता है। इसके बाद सभी को न्याय देने की कोशिश की जाएगी हालांकि इसकी समय सीमा नहीं तय की सकती। वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि वे इस मामले में जल्द ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे और मांग करेंगे कि सरकार पुलिसवालों के पक्ष में फैसला करे।
मैट के फैसले के बाद हुए प्रशिक्षण केंद्र से बाहर
दरअसल मैट के एक फैसले के बाद शपथ लेने के बाद भी अनुसूचित जाति-जनजाति के 154 पुलिस उपनिरीक्षकों को पद गंवाना पड़ा है। उन्हें दोबारा उनके मूल पद पर नियुक्त कर दिया गया है। आरोप लग रहे हैं कि मैट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने इस बाबत कोई ठोस फैसला नहीं लिया। इस बाबत राज्य सरकार जब तक कानून नहीं बनाती तब तक इन लोगों का भविष्य अधर में लटका रहेगा। इन सभी लोगों ने नाशिक प्रशिक्षण केंद्र में नौ महीने पीएसआई पद की ट्रेनिंग ली, इसके बाद मुख्यमंत्री की उपस्थिती में उन्होंने शपथ भी ली, लेकिन मैट के फैसले के बाद उन्हें प्रशिक्षण केंद्र से बाहर जाना पड़ा।
क्या है मामला ?
पदोन्नति में आरक्षण को गैरकानूनी ठहराते हुए मैट ने अनुसूचित जाति-जनजाति के 154 पीएसआई की नियुक्ति रोक दी है। मैट ने सभी को पुराने पदों पर नियुक्त करने या नियुक्ति के लिए प्रतीक्षारत रखने को कहा है। दरअसल मामले में पदोन्नति में आरक्षण का दावा करते हुए मंदार पाटील, संतोष राठौड, एमएस राडीये समेत करीब सवा सौ उम्मीदवारों ने फैसले को मैट में चुनौती दी थी। दावा किया गया था कि इससे सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के साथ अन्याय हो रहा है। सरकार का आदेश उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है। उस पर सुनवाई करते हुए मैट के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएच जोशी और सदस्य प्रवीण दीक्षित ने सरकारी नौकरी में पदोन्नती में आरक्षण का कानून न होने का हवाला देते हुए 154 पीएसआई की नियुक्तियों पर रोक लगा दी।
Created On :   9 Oct 2018 10:03 PM IST