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नागपुर से ही मिल रहा सीएम रिलीफ फंड, 3 मरीज को मिली मदद

डिजिटल डेस्क,नागपुर। सीएम रिलीफ फंड का लाभ अब नागपुर से ही मिल रहा है । पहले इस काम के लिए मुंबई मंत्रालय जाना पड़ता था, लेकिन अब सारी कागजी कार्यवाही व जांच प्रक्रिया यहीं पूरी हो जाती है। मुख्यमंत्री राहत कोष से दिसंबर 2016 से फरवरी 2018 (15 महीने) तक नागपुर सहित विदर्भ के अलग-अलग शहरों में रहनेवाले करीब 3 हजार मरीजों को इलाज के लिए आर्थिक लाभ मिला है। हर महीने करीब 200 मरीजों को इलाज के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है। मुख्यमंत्री राहत कोष से पहले भी इलाज के लिए आर्थिक सहायता मिलती थी, लेकिन तब सारी प्रक्रिया मुंबई मंत्रालय में होने से विदर्भ के अधिकांश लोग यहां पहुंच नहीं पाते थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर सहित विदर्भ के लोगों के लिए यह सुविधा नागपुर के हैदराबाद हाउस स्थित सचिवालय में शुरू की है। साथ ही 15 दिन में जांच प्रक्रिया पूरी कर संबंधित अस्पताल के माध्यम से मरीज के बैंक खाते में निधि पहुंचाने की व्यवस्था करने को कहा। इसी का नतीजा है कि 15 दिन में ही मरीज जिस अस्पताल में भर्ती रहता है, उस अस्पताल केे बैंक खाते में संबंधित राशि जमा हो जाती है। संबंधित अस्पताल मरीज के बैंक खाते में संबंधित निधि ट्रांसफर करते हैं।15 महीने में मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएम रिलीफ फंड) से नागपुर सहित विदर्भ के करीब 3 हजार मरीजों को 21 करोड़ 52 लाख 13500 की आर्थिक सहायता मिली हैं।
यह है प्रक्रिया
मरीज को परिवार का आय प्रमाणपत्र, राशन कार्ड की फोटो कॉपी, आधार कार्ड की फोटो कॉपी, इलाज पर खर्च का एस्टिमेट आवेदन पत्र के साथ जोड़ना पड़ता है। एस्टिमेट अस्पताल के लेटर हेड पर होना चाहिए। यह दस्तावेज हैदराबाद हाउस स्थित सीएमआे कार्यालय में जमा करने पड़ते हैं। डाक्टरों की टीम दस्तावेजों की जांच करने के बाद निधि मंजूर करती है। जितनी निधि मंजूर की, उसका अप्रूवल (मान्यता) मुंबई मंत्रालय से ली जाती है। इसके बाद आरटीजीएस के माध्यम से संबंधित राशि अस्पताल के बैंक खाते में जमा कर दी जाती है।मरीज के मोबाइल पर एसएमएस भेजकर इसकी सूचना दी जाती है। जिला प्रशासन को आरटीजीएस की आनलाइन कापी भेज दी जाती है।
जिलाधीश कार्यालय से मिलती है मरीज को आरटीजीएस की कापी
मरीज या उसके परिजन जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर आरटीजीएस की कॉपी प्राप्त करते है। रोगी के परिजन आरटीजीएस की मूल कॉपी संबंधित अस्पताल में जमा करते हैं आैर इसकी फोटो कापी अपने पास रखते हैं। इसके बाद अस्पताल की तरफ से रोगी के खाते में निधि ट्रांसफर कर दी जाती है। रोगी के खाते में निधि ट्रांसफर करने की सूचना अस्पताल हैदराबाद हाउस स्थित कार्यालय व जिला प्रशासन को देता है।
निधि सीधे आ जाती है अस्पताल के खाते में
15 महीने में 21 करोड़ 52 लाख 13 हजार 5 सौ की निधि का वितरण हुआ है। संंबंधित निधि आरटीजीएस के माध्यम से सीधे अस्पताल के खाते में जाती है। हमें इसकी आनलाइन सूचना मिल जाती है। मरीज को हमारे कार्यालय से आरटीजीएस की कापी दी जाती है। अस्पताल के खाते में निधि जमा होने व अस्पताल से मरीज के खाते में निधि ट्रांसफर करने की सारी जानकारी हमें मिल जाती है।
-जयंत पोहनकर, तहसीलदार गृह शाखा जिलाधीश कार्यालय नागपुर.
Created On :   23 March 2018 1:01 PM IST