- 11वें दौर की बैठक बेनतीजा, सरकार ने किसानों से दो टूक कहा- इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकते, अगली मीटिंग तय नहीं
- पंजाब के CM अमरिंदर का ऐलान, आंदोलन में जान देने वाले किसानों के परिजनों को देंगे 5 लाख और नौकरी
- कांग्रेस ने अर्नब गोस्वामी की वॉट्सएप चैट लीक पर जेपीसी की डिमांड की, जून तक होगा पार्टी प्रेसिडेंट का चुनाव
- ममता सरकार को बड़ा झटका, वन मंत्री राजीब बनर्जी ने कैबिनेट से इस्तीफा दिया
- प्रसिद्ध भजन गायक नरेंद्र चंचल का निधन
शहीद ASI भिलाला को सीएम शिवराज ने दिया कंधा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि दिवंगत सहायक उप निरीक्षक (ASI) अमृत लाल भिलाला को शहीद का दर्जा दिया जाएगा। उनके परिजनों को सम्मान निधि एक करोड़ रूपए मिलेगी। दिवंगत भिलाला की स्मृति में प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा दिए जाने के संबंध में भी विचार किया जाएगा।
उनकी पत्नी रंभा बाई को पेंशन आदि अन्य सुविधाएं नियमानुसार प्राप्त होंगी। यह बात सीएम शिवराज ने शुक्रवार को भोपाल की डीआरपी लाइन नेहरू नगर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कही। पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला, संभागायुक्त कविन्द्र कियावत एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल के सदस्य उपस्थित थे।
सीएम ने कहा कि स्वर्गीय भिलाला अपनी जान पर खेलते हुए कर्तव्य पूर्ति के दौरान शहीद हुए हैं। दु:ख की इस घड़ी में परिजनों के साथ पूरा प्रदेश खड़ा है। मुख्यमंत्री ने उपचाराधीन दिवंगत भिलाला से अस्पताल में भेंट का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की जानकारी मिली थी। स्वयं स्वर्गीय भिलाला ने अत्यंत सहजता के साथ वार्तालाप भी किया था। वे मानसिक रूप से अत्यंत मजबूत व्यक्ति थे। जिसने कर्तव्य पालन पूरी प्रमाणिकता और परिश्रम के साथ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के अपराधियों को सजा मिले इसके लिए तत्परता के साथ कार्रवाई होगी। आज का सूचना क्रांति का दौर अकल्पनीय अपराधों को जन्म दे रहा है। यह चिंता और चिंतन का विषय है। उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधों को सख्ती के साथ रोकने की रणनीति बनाएगी। सीएम ने दिवंगत आत्मा के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। परिजनों को ढाढंस बंधाया। उन्होंने परम पिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को दु:ख सहन करने की क्षमता देने की प्रार्थना की।
सीएम सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने दिवंगत भिलाला की अंतिम यात्रा में शामिल होकर कंधा दिया। श्रद्धांजलि सभा के उपरांत स्वर्गीय भिलाला का पार्थिव शरीर राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह नगर राजगढ़ के लिए रवाना हुआ। स्वर्गीय भिलाला का गत रात्रि उपचार के दौरान निधन हो गया था।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।