- दिल्ली: संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी।
- बैरीकेड हटा कर, युवा किसानों ने किया दिल्ली में प्रवेश, देश में पहली बार गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड
- पेट्रोल, डीजल के दाम में बड़ी वृद्धि, दिल्ली में 86 रुपए लीटर हुआ पेट्रोल, मध्यप्रदेश में 94 रुपए लीटर
- 7 महीनों में भारत में कोविड के सबसे कम 9 हजार मामले दर्ज
- यूपी: नई आबकारी नीति 1 अप्रैल से होगी लागू, घर में रख सकेंगे शराब की 12 बोतल
वाराणसी: सीएम योगी ने नंगे पैर की पंचक्रोशी यात्रा, पांच घंटे रहे मौन
डिजिटल डेस्क, वाराणसी। उत्तप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर पहुंचे। इस दौरान योगी ने वाराणसी में पंचक्रोशी यात्रा की। पांच घंटे की इस पंचक्रोशी यात्रा के दौरान सीएम पूरे पांच घंटे मौन रहे। काशी पहुंचे योगी ने महाश्मशान मणिकर्णिका के कुंड पर पूजन कर यात्रा शुरू की। इस दौरान सीएम ने काशी विश्वनाथ मंदिर समेत परिक्रमा पथ के पांचो तीर्थ पड़ावों पर दर्शन-पूजन किया। इस मौके पर हजारों की भीड़ ने हर-हर महादेव के उद्घोष से उनका अभिनंदन किया। इस यात्रा के माध्यम से उन्होंने कर्मपथ व धर्मपथ में समन्वय को लेकर संदेश भी दिया।
Visuals of Yogi Adityanath's 'Panch Koshi Parikrama', which was held in #Varanasi to launch BJP's 'Sampark for Samarthan' (connect for support) initiative. pic.twitter.com/acGBYqFWEH
— ANI UP (@ANINewsUP) June 9, 2018
सकरी गलियों में पैदल निकले योगी
इस यात्रा के दौरान सीएम योगी चौक की सकरी गलियों में पैदल निकले। मणिकर्णिका घाट तक का सफर पैदल तय करने के बाद सीएम ने चक्रपुष्करणी कुंड में भगवान विष्णु की चरण पादुका की पूजा की। इसके बाद फिर गलियों से ही गुजरते हुए ज्ञानवापी पहुंचे और व्यास मंडप में संकल्प लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर में मत्था टेककर परिक्रमा शुरू की।
चंपल छोड़ नंगे पैर की यात्रा
सीएम योगी अस्सी घाट परिक्रमा के पहले पड़ाव पर कार से पहुंचे। कंदवा पहुंचने पर योगी अन्य श्रद्धालुओं के रूप में चप्पल छोड़कर कुछ दूर नंगे पैर चले। प्रत्येक पड़ावों के मंदिरों में पहुंचने के लिए योगी मुख्य मार्ग से करीब दो किलोमीटर की दूरी तक पैदल चले। पांच घंटे में परिक्रमा पूरी करने के दौरान उन्होंने पंचक्रोशी यात्रियों की दिक्कतों को जाना और उसके समाधान के लिए मौन संकल्प भी लिया। चार दिन पहले तक बदहाल रहे पंचक्रोशी मार्ग की सड़कें और धर्मशालाओं की तस्वीर सीएम की यात्रा के दौरान बदली दिखी। शनिवार शाम वाराणसी में इस पंचकोशी यात्रा का समापन हुआ। इस मौके पर लोगों का हुजूम देखते ही बन रहा था। हर-हर महादेव के नारों से सभी घाट गूंज रहे थे।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।