सहकारी बैंक घोटाला : रिपोर्ट में नहीं जोड़े गए जांच के दौरान जब्त दस्तावेज

Co-operative bank scam: Documents seized during investigation not added to the report
सहकारी बैंक घोटाला : रिपोर्ट में नहीं जोड़े गए जांच के दौरान जब्त दस्तावेज
सहकारी बैंक घोटाला : रिपोर्ट में नहीं जोड़े गए जांच के दौरान जब्त दस्तावेज

डिजिटल डेस्क,मुंबई। मुंबई की विशेष अदालत में सोमवार को महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में हुए कथित घोटाले को लेकर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लयू) की जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज को पेश करने के मुद्दे पर बहस हुई।   इस दौरान शिकायतकर्ता (सुरेंद्र अरोड़ा) की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश तलेकर ने दावा किया कि आरोपियों को बचाने के लिए कई ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज रिपोर्ट के साथ नहीं जोड़े गए हैं, जो जांच के दौरान जब्त किए गए हैं। जैसे बैंक से जुड़ी पासबुक, बैंक के प्रस्ताव पारित करने से जुड़े दस्तावेज सहित कई दस्तावेज क्लोजर रिपोर्ट के साथ नहीं जोड़े गए। यह सब कुछ आरोपियों की मदद के लिए किया गया है। अक्टूबर 2020 में ईओडब्ल्यू ने 25 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित 69 लोगों को क्लीन चिट दी है। 

न्यायधीश एसी डागा के सामने इस प्रकरण को लेकर दायर क्लोजर रिपोर्ट के विरोध में दायर याचिकाओं व आवेदनों पर सुनवाई चल रही है।  वहीं सरकारी वकील ने शिकायतकर्ता की ओर से दस्तावेज को लेकर उठाए गए मुद्दे पर कहा कि इस मामले को लेकर हजारों पन्नों की क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है और दस्तावेज जोड़े जाते तो रिपोर्ट काफी विशाल हो जाता। इसलिए हम दस्तावेज से संबंधित आवेदन का विरोध करते हैं। सरकारी वकील ने कहा कि जो दस्तावेज रिपोर्ट के साथ नहीं जोड़े गए हैं, उनकों सुनवाई के दौरान आधार नहीं बनाया जाएगा। इसके बाद श्री तलेकर ने कहा कि वे इस बात का सत्यापन करना चाहते हैं कि अभियोजन पक्ष ने रिपोर्ट में कौन से दस्तावेज जोड़े हैं। अभियोजन पक्ष ने इसके लिए समय मांगा। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।  

ईओडब्ल्यू की क्लोजर रिपोर्ट के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी कोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट को स्वीकार न करने का आग्रह किया गया है। हजारे की याचिका में चीनी मिल की बिक्री में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार की संदिग्ध भूमिका के बारे में जानकारी दी गई है। उन्होंने ने दावा किया है कि ईओडब्ल्यू ने मामले की जांच किए बिना ही क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र मोहन ने इस मामले को लेकर शिकायत की थी। जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद सभी आरोपियों को क्लिनचिटदेते हुए क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। क्लोजर रिपोर्ट में इस मामले को सिविल नेचर का बताया गया है। 

Created On :   15 March 2021 8:24 PM IST

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