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कोल्ड स्टोरेज की लीज रद्द, 18 मजदूरों की गई थी जान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नियम को ताक पर रखकर कोल्ड स्टोरेज के लिए उपयोग में लाई गई इमारत की 7 वर्ष बाद एनआईटी ने लीज रद्द कर दी है। यह वही इमारत है, जिसमें फरवरी 2013 में हुए हादसे में 18 मजदूरों ने जान गंवाई थी। प्रवेश इंटरप्राइजेज की इस इमारत को 15 मीटर ऊंचाई के निर्माण की अनुमति मिली थी, पर 22.50 मीटर ऊंचाई तक निर्माण किया गया। सरकारी फाइल में कोल्ड स्टोरेज का कहीं उल्लेख नहीं है। इंडस्ट्रियल दर्जा भी प्राप्त नहीं है। इसके बावजूद कोल्ड स्टोरेज के लिए उपयोग किया गया। जबकि कोल्ड स्टोरेज के लिए 15 मीटर से अधिक ऊंची इमारत को अनुमति देने का प्रावधान नहीं है।
कटघरे में सरकारी विभाग
नियम को धता बताकर अग्निशमन विभाग का अपनापत्ति प्रमाण-पत्र लिए बिना इमारत का कोल्ड स्टोरेज के लिए उपयोग किया गया। इस बात का खुलासा होने के बाद मनपा, औद्योगिक सुरक्षा विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा किया गया। अग्निशमन विभाग से मंजूर नक्शे में इमारत की साइड मार्जिन को ओपन स्पेस दर्शाया गया था, जबकि नासुप्र के मंजूर नक्शे में इसे पार्किंग के लिए आरक्षित बताया गया। इमारत के निर्माण कार्य को कर्ज देने वाली बैंक पर भी जांच की आंच आई थी। इस मामले में नासुप्र तथा नगर विकास मंत्रालय में कई सुनवाइयों का दौर चला। अंत में नियम के अनुसार निर्माण कार्य नहीं किए जाने की पुष्टि होने पर कोल्ड स्टोरेज की लीज रद्द कर दी गई है।
यह अनदेखी हजम नहीं होती
एक कोल्ड स्टोरेज का निर्माण हो जाता है। वह शुरू भी हो जाता है। अचानक दुर्घटना होती है और 18 लोग जान गंवा देते हैं। इसके बाद जिम्मेदार विभाग हरकत में आते हैं। जांच होती है। इसके बाद एक नहीं कई खामियां सामने आती हैं। इससे साफ होता है कि जिम्मेदार विभागों ने समय रहते कार्रवाई नहीं की। जिस भी विभाग की जो जिम्मेदारी थी, उसकी अनदेखी की गई। जाहिर है, सरकारी विभाग है तो यह अनदेखी मुफ्त में नहीं हुई होगी। अग्निशमन विभाग, नागपुर सुधार प्रन्यास से लेकर अन्य संबंधित विभागों ने आखिर इस कोल्ड स्टोरेज को चलने कैसे दिया। सवाल बहुत हैं... जवाब ढूंढा जाए तो पूरा का पूरा विभाग कार्रवाई के लपेटे में होगा।
Created On :   6 Feb 2021 2:58 PM IST