काम का दबाव बनाने पर अधिकारी और कर्मचारियों के बीच शीत युद्ध

Cold war between officers and employees on creating work pressure
काम का दबाव बनाने पर अधिकारी और कर्मचारियों के बीच शीत युद्ध
नागपुर काम का दबाव बनाने पर अधिकारी और कर्मचारियों के बीच शीत युद्ध

डिजिटल डेस्क, नागपुर । कृषि प्रधान देश में कृषि विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। विभाग में 45 फीसदी से ज्यादा लिपिकों के पद रिक्त हैं। पर्यवेक्षकीय श्रेणी के पदों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। नागपुर विभाग में अधिकारी, कर्मचारियों के 3915 पद मंजूर हैं, जबकि 2200 कार्यरत हैं और 1715 रिक्त हैं। वर्ष 2013 से पदों पर भर्ती बंद है। 9 साल में अनेक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए। कुछ कर्मचारियों की मौत हो गई, लेकिन उनके पद नहीं भरे गए। इससे कार्यरत कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। काम का दबाव बनाने पर अधिकारी, कर्मचारियों के बीच शीत युद्ध की स्थिति बनी हुई है।

प्रदेश में मंजूर 27502, कार्यरत 9832 : महाराष्ट्र  में कृषि विभाग में 27502 अधिकारी, कर्मचारियों के पद मंजूर हैं। प्रत्यक्ष सेवा में कार्यरत कर्मचारी संख्या 9832 है। उसमें भी लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के रिक्त पदाें का आंकड़ा ज्यादा है। लिपिकों के 3496 पद मंजूर हैं और 1328 लिपिक कार्यरत हैं। लिपिकों के रिक्त पदों का आंकड़ा 45 फीसदी से अधिक है। शासकीय सेवा नियमावली के अनुसार साल 2017 में प्रस्तावित आकृतिबंध को मंजूरी नहीं दी गई। रिक्त पद भरने की प्रक्रिया बंद रहने से कर्मचारियों पर प्रशासकीय व लेखा विभाग के काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है। छठवें और 7वें वेतन आयोग की फाइलें लंबित हैं। कर्मचारियों की कमी से आश्वासित प्रगति योजना के अनेक प्रकरणों का निपटारा नहीं हो पाया है।

तहसील स्तर पर 1-2 कर्मचारी
गांव और जिला मुख्यालय के बीच तहसील स्तर के कृषि कार्यालय समन्वय स्थापित करते हैं। सरकार की कृषि योजनाओं पर प्रत्यक्ष अमल, किसानों का मार्गदर्शन तथा कृषि से संबंधित प्रत्यक्ष रिपोर्ट जिला स्तर पर पहुंचाने के लिए तहसील स्तर के कार्यालय की जिम्मेदारी है। इस कार्य के लिए तहसील कृषि अधिकारी, विस्तार अधिकारी, लिपिक आदि पद मंजूर हैं, लेकिन तहसील स्तर पर 1-2 कर्मचारी कार्यरत रहने से सरकार की योजनाएं किसानों तक नहीं पहुंच पा रही हैं।

पांच दिन का सप्ताह : सरकारी विभागों में पांच दिन का सप्ताह लागू करने से फाइलें लंबित रह जा रही हैं। अब सरकार द्वारा 5 दिन की जगह 6 दिन का सप्ताह करने पर विचार करने की चर्चा है। हालांकि कर्मचारियों का मानना है कि इससे पेेंडेंसी कम नहीं होगी। कर्मचारियों के कंधों से अतिरिक्त पदों की जिम्मेदारी कम करने से पेंडेंसी कम होगी। सरकार को उस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

पदों को भरना एकमात्र उपाय
कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ने से मानसिक तनाव के कारण बीमारियां होवी हो रही हैं। अनेक कर्मचारियों को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई है। काम का दबाव बनाने पर अधिकारी, कर्मचारियों के बीच शीतयुद्ध की स्थिति बनी हुई है। रिक्त पदों पर भर्ती इस समस्या का एकमात्र उपाय है।
-मुकुंद पालटकर, मुख्य मार्गदर्शक, महाराष्ट्र राज्य कृषि विभाग, लिपिक संवर्ग संगठन

 

Created On :   25 Oct 2022 4:22 PM IST

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