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गए थे शिकायत करने डांट खाकर आ गए ,मास्साब नहीं सुना पाए 17 का पहाड़ा

डिजिटल डेस्क,सतना। जनसुनवाई में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे एक अतिथि शिक्षक की हालत सांप-छछूंदर वाली हो गई। दरअसल, ये अतिथि शिक्षक अपनी व्यथा बताने कलेक्टर डॉ. सत्येन्द्र सिंह के पास पहुंचे थे, मगर कलेक्टर ने उनकी क्लास ले ली। कलेक्टर कुछ ऐसा पूछ लिया कि अतिथि शिक्षक के तो तोते उड़ गए। वह तरह-तरह के बहाने बनाने लगा और बीमार होने का भी हवाला दिया। कलेक्टर थे कि टस का मस नहीं हुए और सवाल का जवाब बताने के लिए मास्साब पर जोर देते रहे। अंतत: अतिथि शिक्षक कलेक्टर के इकलौते सवाल का जवाब नहीं दे पाए और उन्हें टका सा मुंह लेकर वहां से रवाना होना पड़ा।
जनसुनवाई का है वाकया
मंगलवार को कलेक्टर सभाकक्ष में जनसुनवाई चल रही थी। कलेक्टर अपनी पूरी टीम के साथ जनसुनवाई में शिकायतकर्ताओं की शिकायतें सुन रहे थे और यथाउचित कार्यवाही के निर्देश भी दे रहे थे। हॉल खचाखच भरा हुआ था। शिकायतकर्ताओं में एक अतिथि शिक्षक भी पहुंचा। अतिथि शिक्षक का दर्द था कि द्वेषवश उनके गांव के स्कूल में इस बार अतिथि शिक्षक के रूप में उनकी भर्ती नहीं की गई। आवेदन लेकर कलेक्टर ने उन्हें 17 का पहाड़ा सुनाने को कहा। अतिथि शिक्षक को ऐसे उम्मीद नहीं थी सो वह चकरा गए।
85 में अटक गई गेस्ट फैकल्टी की जुबान
पहाड़ा सुनाने की बात आई तो शिक्षक ने कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए वह पहाड़ा सुनाने में असमर्थ है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि तबीयत खराब है तो क्या पहाड़ा भूल गए...पहाड़ा सुनाइए। अतिथि शिक्षक ने अटकते हुए पहाड़ा की शुरुआत तो की मगर उनकी जुबान 85 तक पहुंचते-पहुंचते हलक में अटक गई। उन्होंने उंगलियों पर तमाम जोर दिया कि किसी तरह गाड़ी 85 से आगे बढ़े मगर सभी कोशिशें नाकाम रहीं। 17 का पहाड़ा न सुनाने पर कलेक्टर का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने दो टूक कहा कि ठीक किया जो तुम्हें नहीं रखा गया। उन्होंने अतिथि शिक्षक के आवेदन को मौके पर ही खारिज कर दिया।
वीडियो कांफ्रेंस से तहसीलदारों को निर्देश
कलेक्टर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तहसीलदारों को निर्देश दिए कि वे उनसे मिलने आए आवेदकों की समस्याओं का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर से मिलने आए कई आवेदकों ने जमीन समेत अतिक्रमण हटवाने तथा ग्रामीण विकास संबंधी मसलों से उन्हें अवगत कराया। कलेक्टर ने इन मसलों को सुलझाने के तहसीलदारों को निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों से संबंधित मामले भी जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष पेश किए गए, जिन्हें हल करने के कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
Created On :   6 March 2019 1:28 PM IST