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महाराष्ट्र में 15 फरवरी से खुलेंगे कॉलेज, रोटेशन से चलेंगी कक्षाएं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के सभी गैर कृषि विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालयों, स्व-वित्तपोषित विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में नियमित कक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो जाएंगी। राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने बुधवार को यह घोषणा की। उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश भी जारी किया है। मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में सामंत ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के 5 नवंबर 2020 के दिशानिर्देश के अनुसार राज्य के महाविद्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ रोटेशन पद्धति से कक्षाएं चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी से 5 मार्च तक विद्यार्थियों की उपस्थिति क्षमता 50 प्रतिशत रहेगी। इसके बाद 100 प्रतिशत क्षमता के साथ विद्यार्थियों को कक्षा में आने अनुमति देने के बारे में फैसला लिया जाएगा।
75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता में छूट
सामंत ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण कुछ विद्यार्थी अपने गांवों में हैं। इसलिए उनके लिए ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प जारी रहेगा। सामंत ने कहा कि विश्वविद्यालयों को शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और विद्यार्थियों की कोरोना जांच की आवश्यकता के संबंध में संबंधित जिलाधिकारी से चर्चा करनी होगी। सामंत ने कहा कि महाविद्यालयों में प्रथम वर्ष को छोड़कर बाकी की कक्षाओं के विद्यार्थियों के पाठ्क्रमों को ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रमों में 15 से 20 प्रतिशत कटौती करने की अनुमति दी है। इसके अनुसार विश्वविद्यालय अपने स्तर पर फैसला लेंगे। प्रैक्टिकल परीक्षाएं आयोजित करने का अधिकार विश्वविद्यालयों को दिया गया है। सामंत ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल शुरू करने का अधिकार विश्वविद्यालयों को दिए गए हैं। विश्वविद्यालयों को हॉस्टल का इलेक्ट्रिक और सेफ्टी ऑडिट करना पड़ेगा। विद्यार्थियों की सुविधा के अनुसार विश्वविद्यालयों को परीक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन पद्धति से लेने के लिए अनुमति दी गई है। मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण राज्य के महाविद्यालयों को बंद रखा गया था। लेकिन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से महाविद्यालयों को शुरू करने की मांग हो रही थी। इसके मद्देनजर 1 फरवरी को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में विश्वविद्यालयों को पाठ्यक्रम, परीक्षा के आयोजन और हॉस्टल के बारे में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के निर्देश दिए गए थे।
नागपुर में कुलगुरुओं के साथ बैठक
कॉलेज कैंपस जल्द ही विद्यार्थियों के लिए खुलेंगे। हाल ही में कुलगुरुओं के साथ बैठक में शिक्षामंत्री उदय सामंत ने यह संकेत दिए थे। स्कूलों की ही तरह कॉलेज भी चरणबद्ध तरीके से खुलेंगे। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन में कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई ही कराई जा रही है। लेकिन प्रत्यक्ष कक्षाओं से विद्यार्थियों को ज्यादा दिन दूर नहीं रखा जा सकता। देश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में होने के कारण अब कॉलेज शुरू होने चाहिए, ऐसा मत स्वयं राज्यपाल ने कुछ दिन पूर्व कुलगुरुओं की बैठक में व्यक्त किया था। जिसके बाद अब राज्य सरकार ने भी इसके संकेत दिए थे।
लाइब्रेरी और हाॅस्टल शुरू करने की मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यूनिवर्सिटी के अमरावती रोड स्थित कैंपस में प्रदर्शन किया। संगठन ने कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी से मुलाकात करके उन्हें कॉलेज खोलने के लिए ज्ञापन भी सौंपा। संगठन ने कैंपस के साथ लाइब्रेरी और हॉस्टल भी शुरू करने की मांग की। विवि कैंपस के अलावा संगठन ने आर.एस.मुंडले कॉलेज, शिवाजी साइंस कॉलेज, डीएनसी कॉलेज, सीपीसी कॉलेज, संताजी कॉलेज व अन्य कॉलेजों के सामने भी इसी मांग को लेकर प्रदर्शन किया। संगठन के अनुसार कॉलेज बंद होने से विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा है। ऑनलाइन कक्षाएं ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए कारगर नहीं हैं। इसी विषय को लेकर संगठन राज्यव्यापी आंदोलन कर रहा है। मांग पूरी नहीं होने पर संगठन महानगर मंत्री करण खंडाले ने तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
Created On :   3 Feb 2021 3:30 PM IST