शिवसेना-BJP के बीच संघर्ष तेज, PRO नियुक्त किए जाने पर विपक्ष का विरोध

collision between BJP and shiv sena in maharashtra
शिवसेना-BJP के बीच संघर्ष तेज, PRO नियुक्त किए जाने पर विपक्ष का विरोध
शिवसेना-BJP के बीच संघर्ष तेज, PRO नियुक्त किए जाने पर विपक्ष का विरोध

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में BJP से अलग होकर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित होने के बाद शिवसेना अपनी ही सरकार के खिलाफ अधिक आक्रामक हो गई है। धुले के बुजुर्ग किसान धर्मा पाटील की मौत को लेकर शिवसेना-BJP के मंत्रियों के बीच मंत्रिमंडल की बैठक में विवाद हुआ है।

इस बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र में फडणवीस सरकार को भाषण माफिया बताते हुए जमकर हमला बोला है। जवाब में राज्य के वित्तमंत्री सुधार मुनगंटीवार ने कहा है कि शिवसेना भी इसी सरकार का हिस्सा है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में शिवसेना नेता व राज्य के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने हमारी सरकार ने बुजुर्ग किसान को क्यो न्याय नहीं दे सकी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-राकांपा सरकार से परेशान होकर लोगों ने हमें सत्ता सौपी थी।

सरकार सत्ता में आए साढे तीन साल बीत गए पर धर्मा पाटील की समस्या का समाधान नहीं हो सका। इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव सुमित मलिक इस मामले की जांच कर एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौपेंगे।

PRO नियुक्त किए जाने का विपक्ष ने किया विरोध
राज्य सरकार द्व्रारा हर मंत्री के लिए एक-एक जन सम्पर्क अधिकारी (PRO) नियुक्त किए जाने का विपक्ष ने विरोध किया है। विपक्षी कांग्रेस व रांकपा ने BJP नीत सरकार के इस कदम के बारे में आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ‘भ्रष्टाचार में शामिल होने के बावजूद खुद को साफ छवि’ का दिखाने और ‘गलत प्रचार’ के जरिए सत्ता हासिल करने के लिए ऐसा कर रही है। राज्य में साल 2019 के मध्य में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

इस संबंध में सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय के निदेशक (डीजीआईपीआर)  बृजेश सिंह ने बताया कि इस कदम का लक्ष्य पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करना और प्रशासन के निर्णयों को लोगों तक पहुंचाना है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वार जारी एक सरकारी प्रस्ताव (GR) में कहा गया है कि प्रत्येक नियुक्त व्यक्ति को 25,000 रुपये का मानदेय मिलेगा। ऐसे 30 PRO नियुक्त किए जाएंगे, जो मंत्रियों के विभागों की जानकारी मीडिया तक पहुंचाएंगे। साथ ही मीडिया में प्रकाशित किसी भी भ्रमित जानकारी पर स्पष्टीकरण जारी करने का कार्य करेंगे। यह पद दो वर्षों तक या इस सरकार के बने रहने तक वैध रहेगा।

Created On :   30 Jan 2018 11:47 PM IST

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