प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी, राहुल गांधी को समन

Comment on PM Modi, summons to Rahul Gandhi
प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी, राहुल गांधी को समन
मानहानि का है मामला प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी, राहुल गांधी को समन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कांग्रेस नेता व  सासंद राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मानहानि टिप्पणी से जुड़े मामले में सबूतों पर गौर करने के बाद समन जारी किया है। प्रथम दृष्टया मामले से जुड़े सबूत अपराध की ओर इशारा करते है।  गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता  महेश श्रीश्रीमाल ने बांबे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर यह दावा किया है। श्रीश्रीमाल ने यह हलफनामा राहुल की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका के जवाब में दायर किया है।

न्यायमूर्ति एसके शिंदे के सामने कांग्रेस नेता राहुल की याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान न्यायमूर्ति ने कहा कि हम 18 जनवरी 2021 को इस मामले की अंतिम सुनवाई करेंगे। और मजिस्ट्रेट कोर्ट को इस प्रकरण की सुनवाई को 25 जनवरी 2022 तक के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि मजिस्ट्रेट कोर्ट ने श्रीश्रीमाल की मानहानि की शिकायत पर गौर करने के बाद सांसद राहुल को 25 नवंबर को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया था। इस समन को रद्द करने व मानहानि की शिकायत को खारिज करने की मांग को लेकर राहुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राहुल को अंतरिम राहत दी थी जिसे हाईकोर्ट ने 25 जनवरी तक बरकरार रखा है। 

भारतीय जनता पार्टी से जुड़े महेश श्रीश्रीमाल ने मुंबई के गिरगांव कोर्ट में राहुल के खिलाफ मानहानि की शिकायत की है। मजिस्ट्रेट कोर्ट में की गई शिकायत के मुताबिक राहुल ने सितंबर 2018 में राजस्थान में एक रैली की थी। इस दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अशोभनीय व मानहानि टिप्पणी की थी। उनकी इस टिप्पणी के चलते प्रधानमंत्री को मीडिया व सोशल मीडिया में ट्रोल किया गया था।

 शिकायत के मुताबित राहुल ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री को कमांडर इन थीफ बताया था। इस तरह से राहुल ने प्रधानमंत्री पर चोरी का आरोप लगाया था। जो की पूरी तरह से मानहानिपूर्ण है। वहीं राहुल ने अपनी याचिका में इस शिकायत को तथ्यहीन बताया है और कहा है कि यह शिकायत कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग का आदर्श उदाहरण है। याचिका में निचली अदालत के आदेश को खामीपूर्ण बताया गया है और कहा कि गया है कि आदेश में किसी कारण का उल्लेख नहीं किया गया है। महज तकनीकि रुप से आदेश जारी कर दिया गया है। इसलिए इस आदेश व मामले को खारिज कर दिया जाए। और निचली अदालत में में इस शिकायत के आधार पर कोर्ट में जारी कार्यवाही पर रोक लगाई जाए। 
 

Created On :   16 Dec 2021 7:07 PM IST

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