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श्रमायुक्त ने बैंकों से कहा गुमाश्ता लाइसेंस के आधार पर लोन न दें

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के श्रमायुक्त ने बैंकों से कहा है कि वह गुमाश्ता लाइसेंस के आधार पर कोई लोन स्वीकृत न करे। यदि ऐसा किया जाता है तो श्रम विभाग उत्तरदायी नहीं होगा। श्रमायुक्त ने इस संबंध में विशेष तौर पर आठ बैंकों के महाप्रबंधकों/क्षेत्रीय प्रबंधकों को पत्र जारी किया है। इन बैंकों में शामिल हैं स्टेट बैंक हमीदिया रोड भोपाल, बैंक आफ बड़ौदा एमपी नगर भोपाल, बैंक आफ महाराष्ट्रा चेतक ब्रिज गौतम नगर भोपाल, सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया जेल रोड भोपाल, यूनियन बैंक आफ इण्डिया अरेरा हिल्स भोपाल, बैंक आफ इण्डिया अरेरा हिल्स भोपाल, पंजाब नेशलन बैंक अरेरा हिल्स भोपाल तथा ICICI बैंक छोटी खजराना इंदौर।
पत्र में श्रमायुक्त ने कहा है कि कतिपय जिला कार्यालयों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि बैंकों द्वारा श्रम द्वारा मप्र दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958 के अंतर्गत जारी पंजीयन प्रमाण-पत्र (गुमाश्ता पंजीयन) को सत्यापित अभिलेख मानकर संस्थानों के लोन स्वीकृत किए जा रहे हैं। ईज आफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत व्यवसाईयों की सुविधा के लिए दुकान एवं स्थापनाओं के पंजीयन स्व प्रमाणीकरण के आधार पर ऑनलाइन आवेदन करने पर एक दिवस में जारी किए जा रहे हैं। जारी करने के पूर्व विभाग द्वारा संस्थानों का सत्यापन नहीं किया जा रहा है। ऑनलाइन जारी पंजीयन प्रमाण-पत्रों पर भी विभाग द्वारा चेतावनी अंकित है कि यह प्रमाण-पत्र स्थापना का पंजीयन मात्र है जो आपके द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेजों एवं जानकारी के अवलोकन के आधार पर जारी किया गया है। इस हेतु किसी भी तरह का भौतिक सत्यापन/निरीक्षण नहीं किया गया है।
यदि इन दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो विभाग द्वारा प्रदत्त पंजीयन रद्द करने तथा आवेदक के विरुध्द आपराधिक दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती है। पंजीयन प्रमाण-पत्र के माध्यम से बैंक लोन, स्वामित्व एवं सम्पत्ति विवाद, न्यायालय में जमानत, जीएसटी पंजीयन प्राप्त करने या अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग करने पर श्रम विभाग उत्तरदायी नहीं होगा। यह पंजीयन व्यवसाय करने की अनुमति नहीं है। इस हेतु सक्षम प्राधिकारी से पृथक से अनुमति प्राप्त करना होगी। दस्तावेज डिजिटल हस्ताक्षरित हैं, अत्3 मेनुअल हस्ताक्षर की कोई आवश्यक्ता नहीं है। श्रमायुक्त ने पत्र में आगे कहा है कि गुमाश्ता पंजीयन को आधार मानकर किसी भी बैंक द्वारा लोन स्वीकृत किए जाते हैं तो इसके लिए श्रम विभाग जिम्मेदार नहीं होगा।
इनका कहना है
‘लीड बैंकों द्वारा गुमाश्ता लाइसेंस को आधार मानकर बैंक अकाउंट खोले जा रहे थे और लोन भी दिये जा रहे थे। जबकि इसके लिए गुमाश्ता लाइसेंस उपयुक्त दस्तावेज नहीं है। इसीलिए इन लीड बैंकों से श्रमायुक्त ने कहा गया है कि वे इसके आधार पर अकाउंट खोलने या लोन देने की कार्यवाही न करें।’
(जैसमिन अली सितारा डिप्टी लेबर कमिश्नर भोपाल)
Created On :   29 April 2018 12:29 PM IST