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साईं संस्थान प्रबंध समिति के परीक्षण के लिए कमेटी गठित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अहमदनगर के शिर्डी स्थित श्री साईबाबा मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों के पात्रता का पुनःपरीक्षण और पुनर्विचार के लिए त्रयस्थ समिति गठित कर दी गई है। त्रयस्थ समिति के अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वासंती नाईक होंगे। समिति के सदस्य के रूप में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील पोरवाल और नगर विकास विभाग कि प्रधान सचिव मनीषा म्हैसकर को शामिल किया गया है। श्री साईबाबा ट्रस्ट की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रुबल अग्रवाल सदस्य सचिव होंगी। प्रदेश सरकार के विधि विभाग की तरफ से इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार यह समिति हाईकोर्ट के 29 नवंबर 2017 के आदेश के अनुसार श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट (शिर्डी) प्रबंध समिति के सदस्यों की पात्रता का पुनःपरीक्षण और पुनर्विचार करके राज्य सरकार को सिफारिशों के साथ रिपोर्ट सौंपेगी।
इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष पद पर सुरेश हावरे और सदस्यों की नियुक्ति की गई थी। इन नियुक्तियों को बाम्बे हाईकोर्ट के औरंगाबाद खंडपीठ में चुनौती दी गई थी। अदालत ने स्वतंत्र और निष्पक्ष समिति द्वारा ट्रस्ट के सदस्यों के पुनःपरीक्षण और पुनर्विचार करने का आदेश दिया था। इस आदेश को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर 2018 को हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करने का फैसला सुनाया। इसके बाद अब सरकार की तरफ से यह समिति गठित की गई है।
बाबा साहेब आंबेडकर के गांव में विकास के लिए सरकार ने गठित की समिति
भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के रत्नागिरी स्थित मूल गांव आंबडवे के विकास के लिए समिति गठित की गई है। समिति के अध्यक्ष सामाजिक न्याय विभाग के सचिव दिनेश वाघमारे होंगे। साथ ही आंबडवे गांव में प्रस्तावित आंबेडकर स्मारक के निर्माण के लिए परियोजना समन्वयक तथा परियोजना कार्यान्वयन के लिए सिडको को प्राधिकृत किया गया है। यह गांव कोकण के रत्नागिरी जिले में स्थित है। इस संबंध में प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय विभाग ने शासनादेश जारी किया है।
समिति के सदस्य के रूप में सांसद अमर साबले, रत्नागिरी के जिलाधिकारी सुनील चव्हाण, महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल के प्रबंध निदेशक, रत्नागिरी के जिला परिषद के सीईओ, मेरीटाइम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को शामिल किया गया है। सामाजिक न्याय विभाग के उपसचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे। शासनादेश के अनुसार परियोजना का निर्माण कार्य ‘डिजाइन एण्ड बिल्ड’ पद्धति से होगा। परियोजना के लिए जरूरी सलाहकार की नियुक्ति की गई है। परियोजना का काम पूरा होने के बाद उसको सामाजिक न्याय विभाग को हस्तांतरित करना होगा।
Created On :   21 Nov 2018 8:52 PM IST