पांच एकड़ की बाध्यता खत्म, अब इससे कम रकबे में भी काट सकेंगे कॉलोनी

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कॉलोनी परमिशन के बदले नियम पांच एकड़ की बाध्यता खत्म, अब इससे कम रकबे में भी काट सकेंगे कॉलोनी


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। शहर में पनप रही अवैध कॉलोनियों पर नकेल कसने के लिए शासन ने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब पांच एकड़ से कम रकबे में भी कॉलोनी विकास की अनुमति टीएंडसीपी जारी कर सकेगा। अब तक सिर्फ पांंच एकड़ या उससे ज्यादा के रकबे में ही टीएंडसीपी कॉलोनी विकास की अनुमति कॉलोनाइजरों को दे सकता था। इसका असर ये हुआ कि शहर में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियां इसी एक नियम की वजह से कट गई। जिसका हर्जाना आमजनों को अब सुविधाओं के नाम पर भुगतना पड़ रहा है।
पांच एकड़ की बाध्यता पूर्ण नहीं करने पर अब तक सैकड़ों अवैध कॉलोनियां काट दी गई। रकबा छोटा होने के कारण टीएंडसीपी यहां कॉलोनी विकास की अनुमति जारी नहीं कर सकता था, लेकिन नियमों में बदलाव के बाद अब ये कॉलोनियां भी वैध हो सकेंगी। इसकी कागजी प्रक्रिया भी टीएंडसीपी ने शुरू कर दी है। इस नए नियम में राहत की बात ये है कि जो छोटे कॉलोनाइजर सरकारी शर्तों में फंसकर कॉलोनी विकास नहीं कर पा रहे थे। वे भी वैध कॉलोनी काट सकेंगे। जिससे अवैध कॉलोनियां की संख्या घटेगी और लोगों बिजली, पानी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी हासिल हो सकेंगी।
 शहर मेंं साढ़े तीन सौ से ज्यादा अवैध कॉलोनी

शहर में साढ़े तीन सौ से ज्यादा अवैध कॉलोनी है। जो अधिकतर पांच एकड़ या उससे कम रकबे में काटी गई है। नगर निगम द्वारा पहले फेज में 92 और दूसरे फेज में 172 अवैध कॉलोनाइजरों की सूची जारी की जा चुकी है। 63 नामों की सूची निगम के पास तैयार है। जिनका कभी भी प्रकाशन किया जा सकता है।
असर क्या होगा...
जमीन के दाम घटेंगे: अवैध कॉलोनियों की संख्या घटने और नए कॉलोनाइजर प्रापर्टी के कारोबार में आने से जमीनों के दाम कम हो सकते हैं। अभी भी छिंदवाड़ा में जमीनों के दाम इंदौर की तरह ही आसमान छू रहे हैं।
लोन मिल सकेगा: अवैध कॉलोनियों में प्रापर्टी लेने से खरीदारों को लोन की सुविधा नहीं मिल पाती थी। इन नियमों में बदलाव के बाद खरीदार आसानी से बैंक लोन पास कर सकेंगे।
अड़ंगा खत्म...पहले मास्टर प्लान अब पांच का नियम नहीं आएगा आड़े
१. मास्टर प्लान: ग्यारह साल बाद मास्टर प्लान की अधिसूचना जारी कर दी गई है। 56 नए निवेश क्षेत्र जोड़े गए हैं। इससे शहर के आसपास का बड़ा रकबा ग्रीन लैंड से यलो लैंड मेंं तब्दील हो जाएगा। शहर के डेवलपमेंट में आड़े आ रहा ये पहला पेंच है, जो मास्टर प्लान लागू होते ही हट जाएगा। हालांकि इसमें अभी चार से पांच माह का समय लगेगा।
२. नियमों की बाध्यता: दूसरा पेंच पांच एकड़ के रकबे का था। जिसे भी शासन ने हटा दिया है। अब छोटे रकबे में भी कॉलोनी विकास संभव हो सकेगा। कॉलोनाइजर अवैध कॉलोनी की बजाय वैध कॉलोनी बनाकर प्लॉटिंग कर सकेगा। लोगों को भी इन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन बाकी विभागों की अनुमति रेरा नियमों के तहत ही लेनी होगी।
इनका कहना है...
॥नए नियमों में पांच एकड़ तक की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब पांच एकड़ से कम रकबे में भी कॉलोनी विकास की अनुमति टीएंडसीपी दे सकेगा।
-विनोद परस्ते
उपसंचालक, टीएंडसीपी

Created On :   8 Nov 2022 12:15 PM GMT

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