विलासराव के समय जो आपत्तिजनक नहीं, वह अब कैसे : सीएम फडणवीस

confidence motion passed in support of Maharashtra Assembly Speaker
विलासराव के समय जो आपत्तिजनक नहीं, वह अब कैसे : सीएम फडणवीस
विलासराव के समय जो आपत्तिजनक नहीं, वह अब कैसे : सीएम फडणवीस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे के समर्थन में पारित किए गए विश्वास प्रस्ताव का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने भी अपने मंत्रिपरिषद के समर्थन में बिना पूर्व नोटिस दिए प्रस्ताव पारित कराया था। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से सवाल किया कि अगर उस वक्त आपको कुछ आपत्तिजनक नहीं लगा था तो अब क्यों विरोध कर रहे हैं।

बता दें कि सरकार ने समर्थन प्रस्ताव उस समय पारित कराया जब विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे रखा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया में कोई अंतर नहीं होता। सिर्फ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए दो दिन का नोटिस और अध्यक्ष के लिए अविश्वास प्रस्ताव के लिए 14 दिन का नोटिस देना होता है।

इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने मुख्यमंत्री द्वारा विश्वास प्रस्ताव पारित करने वाले कदम को लोकतंत्र के लिए धब्बा बताया। उन्होंने कहा कि हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। वहीं, राकांपा के अजित पवार ने कहा कि सत्तापक्ष के पास बहुमत है और वह आसानी से अविश्वास प्रस्ताव खाजिर कर सकता है।

राकांपा के वरिष्ठ नेता दिलीप वलसे पाटील ने इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष से नोटिस पढ़ने और मामले पर बहस की इजाजत मांगी। उन्होंने कहा कि हम अपना पक्ष रखेंगे, जिससे सदन के कामकाज में सुधार होगा। इस मुद्दे पर संसदीय कार्यमंत्री गिरीष बापट ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं से बातचीत की थी लेकिन वे खुद एकमत नहीं थे। इसलिए हम इस मुद्दे को 14 दिन से ज्यादा समय तक नहीं खींचना चाहते थे। उन्होंने विपक्ष से मुद्दा छोड़कर आगे बढ़ने की अपील की। हालांकि विपक्षी सदस्यों ने शोरशराबा जारी रखा, जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

Created On :   26 March 2018 11:11 PM IST

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