कॉम्पिटिटिव एग्जाम और यूनिवर्सिटी एग्जाम की तारीखों में टकराव

Conflict between dates of competitive exam and university exam
कॉम्पिटिटिव एग्जाम और यूनिवर्सिटी एग्जाम की तारीखों में टकराव
कॉम्पिटिटिव एग्जाम और यूनिवर्सिटी एग्जाम की तारीखों में टकराव

डिजिटल डेस्क, नागपुर । राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की अंतिम सत्र की परीक्षा 1 से 18 अक्टूबर को रखी गई है। ये तारीख यूपीएससी और एमपीएससी स्पर्धा परीक्षा की तारीख से टकरा रही है। ऐसे में विद्यार्थी संगठनों ने यूनिवर्सिटी को परीक्षा स्थगित करने की मांग की है। दरअसल 4 अक्टूबर को इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज का प्रिलिम्स पेपर है। इसी तरह 16 को आईएसएस, 17 को जियो साइंटिस्ट मेन्स और 18 अक्टूबर को इंजीनियरिंग मेन्स की परीक्षा है। एक ही दिन दो पेपर होने से किसी एक पेपर से विद्यार्थियों को वंचित रहने की नौबत आ गई है।

जानकारी के अनुसार बीए और बीएससी के कुछ विद्यार्थियों ने परीक्षा विभाग में संपर्क करके 4 अक्टूबर की परीक्षा स्थगित करने की मांग की। जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने 4 अक्टूबर की परीक्षा 19 अक्टूबर को रखी है। वहीं मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी से मुलाकात करके अंतिम सत्र की परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की है। संगठन ने दलील दी है कि एमपीएससी, यूपीएससी व अन्य परीक्षा भी एक ही दिन होने के कारण यूनिवर्सिटी अपनी परीक्षा स्थगित करें। इस मामले में परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रफुल्ल साबले ने कहा कि अन्य परीक्षा के लिए यूनिवर्सिटी सू-मोटो फैसला लेकर अपना टाइमटेबल नहीं बदलेगा। अगर तारीखों में टकराव के कारण वाकई कोई विद्यार्थी प्रभावित हो रहा है, तो वह परीक्षा विभाग से संपर्क करें। तब ही उस पेपर की तारीख बदली जाएगी। विद्यार्थियों के शिष्टमंडल से मुलाकात के बाद हमने 4 अक्टूबर की परीक्षा को 19 अक्टूबर को रखी है। जरूरत पड़ने पर अन्य परीक्षा की तारीखें भी बदली जाएंगी। 

मॉक टेस्ट की प्रणाली भी ठीक नहीं
यूनिवर्सिटी द्वारा  अंतिम सत्र की परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया "आरटीएमएनयू परीक्षा" एप पूरी तरह सटीक नहीं है। एप से जुड़ी विविध शिकायतें सामने आ रही हैं। विद्यार्थियों के अनुसार सभी एंड्राइड मोबाइल फोन पर यह एप डाउनलोड नहीं होता। जिन चुनिंदा मोबाइल पर एप डाउनलोड होता है, उनपर ठीक से नहीं चलता, बीच में बंद हो जाता है। वहीं मॉक टेस्ट की प्रणाली भी ठीक नहीं है। सभी विषयों के प्रश्न मिला कर मॉक टेस्ट होता है। यानी कॉमर्स के विद्यार्थी को साइंस के प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे में इस प्रकार के मॉक टेस्ट का कोई अर्थ नहीं रह जाता।


 

Created On :   26 Sept 2020 5:19 PM IST

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