लॉकडाउन के आदेश पर असमंजस, विरोध में उतरे व्यापारी

Confusion over order of lockdown, traders descended in protest
लॉकडाउन के आदेश पर असमंजस, विरोध में उतरे व्यापारी
लॉकडाउन के आदेश पर असमंजस, विरोध में उतरे व्यापारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई ।  कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन से जुड़ा जो नया दिशा निर्देश जारी किया है उसे लेकर पहले ही दिन असमंजस नजर आया। कई इलाकों में पुलिस ने अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी दुकानें बंद करा दीं जबकि कुछ इलाकों में सारी दुकानें खुली रहीं। दादर समेत कई इलाकों में व्यापारियों ने जबरन दुकाने बंद कराए जाने का विरोध किया और पुलिस के साथ बहस करते नजर आए। दरअसल सरकार ने शनिवार और रविवार सख्त लॉकडाउन की बात कही थी जिससे संदेश यह गया कि सप्ताह के बाकी दिनों में व्यापारिक गतिविधियां चलती रहेंगी और सिर्फ चार से ज्यादा लोगों के इकठ्ठा होने पर रोक होगी। इसलिए जब पुलिसकर्मी मंगलवार सुबह दुकानें बंद कराने पहुंचे तो व्यापारी हैरान हो गए।

कोरोना को लेकर जहां हालात दिन प्रतिदिन बगड़ते जा रहे हैं वहीं इसे लेकर लॉकडाउन का विरोध भी किया जा रहा है। राज्य भर लॉकडाउन का व्यापारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। मंगलवार को विदर्भ के कई जिलों में कोरोना को लेकर जारी नियमों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। लोग घर से बाहर भी निकले और बाजार भी खुले रहे। पुलिस को दुकानें बंद करवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।

मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी चैतन्य एस ने बताया कि सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जो दिशानिर्देश जारी हुए हैं उसके मुताबिक नाइट कर्फ्यू और धारा 144 लगाई गई है जिसके तहत सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक सार्वजनिक जगहों पर पांच या उससे ज्यादा लोगों के साथ घूमने फिरने पर रोक होगी जबकि शनिवार और रविवार को बिना वैध कारण के कोई घर से बाहर नहीं निकल पाएगा। चिकित्सा या किराना की खरीदारी जैसे जरूरी काम के लिए ही घर से निकल सकते हैं। जबकि अनाज, दूध, फल जैसी अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों के अलावा सभी दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। डीसीपी चैतन्य ने बताया कि कई इलाकों में व्यापारियों में सरकार के आदेश को लेकर गलतफहमी थी। पुलिस ने समझा बुझाकर उनसे दुकाने बंद रखने का आग्रह किया है। 

विरोध में उतरे व्यापारी,13 लाख दुकानें रहेगी बंद
सरकार के आदेश के मुताबिक पुलिसकर्मी जबरन दुकान बंद कराने पहुंचे तो व्यापारी नाराज हो गई। कई इलाकों में व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। दादर इलाके में जिन व्यापारियों ने दुकानें बंद की उन्होंने शटर के ऊपर सरकार के खिलाफ नारे लिखे पोस्टर चिपका दिए जिसे बाद में मनपा कर्मचारियों ने हटाए।

बोरिवली इलाके में व्यापारियों ने सड़क किनारे मानव श्रृंखला बनाकर और हाथों में सरकार के खिलाफ पोस्टर लेकर नारेबाजी की। फेडरेशन ऑफ रीटेल ट्रेडर्स एसोसिएशन के वीरेन शाह ने कहा कि सरकार ने जो दिशानिर्देश जारी किए हैं उसमें स्पष्टता नहीं है इसलिए बड़ी संख्या में व्यापारियों को असमंजस हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आदेश के बाद राज्य में 13 लाख छोटे व्यापारियों की दुकानें बंद रहेंगी। अगर हर दुकान के मालिक को रोजाना 10 हजार रुपए का भी नुकसान पकड़े तो रोजाना कितना नुकसान होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकारें स्वदेशी को बढ़ावा देने की बात तो करती हैं लेकिन फैसले ऐसी लेती हैं जिससे ऑनलाइन कारोबार करने वालों को ही फायदा हो। शाह ने कहा कि बीते लॉकडाउन से हम कारोबारियों को कुछ राहत की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने उसे अनसुना किया हुआ है। 

बैठक में बिना मास्क के थे मंत्री
कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के नाम पर एक तरफ सरकार सख्त लॉकडाउन और कामकाज ठप कर रही है दूसरी ओर ठाणे जिले के पालक मंत्री और नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे मंगलवार को एक बैठक में बिना मास्क के नजर आए। सरकार और नेता लोगों को उनकी जिम्मेदारियां समझा रहे हैं और मास्क को संक्रमण से रोकने के लिए सबसे अहम बता रहे हैं जबकि खुद उसका पालन नहीं कर रहे हैं। दुकानें बंद करा रहे पुलिसवालों की भी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं जिनमें वे बिना ठीक तरह से मास्क पहने लोगों के बीच नजर आ रहे हैं। 

  

Created On :   6 April 2021 6:51 PM IST

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