सतीश चतुर्वेदी कांग्रेस से निष्कासित, प्रदेश अध्यक्ष चव्हाण का फरमान

Congress expelled Former Guardian Minister Satish Chaturvedi from party
सतीश चतुर्वेदी कांग्रेस से निष्कासित, प्रदेश अध्यक्ष चव्हाण का फरमान
सतीश चतुर्वेदी कांग्रेस से निष्कासित, प्रदेश अध्यक्ष चव्हाण का फरमान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर कांग्रेस में असंतुष्ट गुट के नेता कहलानेवाले पूर्व पालकमंत्री सतीश चतुर्वेदी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण से इस संबंध में पत्र जारी किया है। चतुर्वेदी के निष्कासन से कांग्रेस के असंतुष्ट गुट को करारा झटका लगा है। फिलहाल चतुर्वेदी से इस संबंध में प्रतिक्रिया नहीं मिली है। माना जा रहा है कि यह मामला कांग्रेस में गुटबाजी की राजनीति को दोबारा गर्मा सकता है। गौरतलब है कि चतुर्वेदी प्रदेश कांग्रेस में प्रमुख हिंदी भाषी नेताओं में गिने जाते हैं। विद्यार्थी काल से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं। 5 बार विधायक 15 वर्ष से अधिक समय तक मंत्री रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व के विरोध में असंतुष्ट नेताओं के साथ वे दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व अन्य नेताओं तक शिकायतें कर चुके हैं। नागपुर के अलावा चंद्रपुर में प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व में उनका असंतोष खुलकर देखा गया है। 

क्या लिखा है पत्र में
प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी पत्र में चतुर्वेदी से कहा गया है कि उन्होंने नागपुर मनपा के 2017 के चुनाव में कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों को प्रोत्साहन दिया। बागियों के समर्थन में प्रचार कर कांग्रेस उम्मीदवारों को पराजित करने का प्रयास किया। पार्टी अनुशासन का पालन नहीं किया। सभी शिकायतों की जांच करके रिपोर्ट पेश करने के लिए प्रदेश कांग्रेस ने नागपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को प्राधिकृत किया था। नागपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने 23 जनवरी 2018 को कारण बताओ नोटिस दिया था। लेकिन उस नोटिस को नजरअंदाज किया गया। शिकायतों के संबंध में निर्धारित संबंध में कोई जवाब नहीं दिया। लिहाजा नागपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने शिकायतों की जांच के संबंध में रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस को भेजी। चतुर्वेदी से कहा गया है कि बागी उम्मीदवारों के प्रचार के संबंध में उनके विरोध में मिली शिकायतें प्रमाणित हुई है। लिहाजा उन्हें पार्टी से निकालने की सिफारिश नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी ने की है। इस लिए कांग्रेस के अनुशासनात्मक नियमों के अनुसार चतुर्वेदी की कांग्रेस से सदस्यता रद्द की गई है। साथ ही पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है। 

लगातार बने रहे चर्चा में 
कांग्रेस में असंतुष्ट नेता के तौर पर सतीश चतुर्वेदी लगातार चर्चा में बने रहे। वे पूर्व नागपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतते रहे है। पिछले चुनावों में दो बार पराजित हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार के साथ उनका वर्चस्व का संघर्ष चलता रहा है। 2017 में मनपा चुनाव के पहले चतुर्वेदी के अलावा नितीन राऊत व अनीस अहमद ने शहर व प्रदेश स्तर पर संगठन नेतृत्व के विरोध में बागी तेवर अपनाये। राऊत व अहमद भी मंत्री रहे हैं। मनपा चुनाव में स्थिति यह रही कि प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण पार्टी उम्मीदवारों की सभा लेने पहुंचे तो हसनबाग में पहली ही सभा में मंच पर चढ़कर एक कार्यकर्ता ने चव्हाण पर स्याही फेंक दी। मंच पर मारपीट हुई। कहा गया कि वह कार्यकर्ता चतुर्वेदी का समर्थक था। उसके बाद चव्हाण ने नागपुर में प्रचार सभा नहीं ली। कांग्रेस नेताओं की प्रतिकात्मक शवयात्रा निकालने का प्रदर्शन भी हुआ। 
मनपा चुनाव में कांग्रेस पराजित हुई। 151 में से 28 सदस्य ही कांग्रेस के चुने गए । मनपा में प्रदेश कांग्रेस ने संजय महाकालकर को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया। कुछ दिनों बाद चतुर्वेदी ने अपने समर्थक नगरसेवकों का बहुमत दर्शाते हुए महाकालकर की जगह तानाजी वनवे को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कराय। विवाद इतना बढ़ा कि प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर शहर कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष मामले को लेकर न्यायालय की शरण ली। अब भी वनवे ही नेता प्रतिपक्ष बने हुए हैं। चुनाव में मनचाहे प्रभाग से पार्टी टिकट पाने से वंचित रहे कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे की पराजय को भी चतुर्वेदी व उनके समर्थकों के प्रयास का परिणाम माना गया। ठाकरे को मनपा में नामांकित सदस्य नियुक्त होने के मामले में भी विफल कर दिया गया। 
इस बीच प्रदेश कांग्रेस ने राज्य सरकार के विरोध में जनाक्रोश रैली का आयोजन किया तो उसकी सभा को भी चव्हाण नागपुर में संबोधित नहीं कर पाये। बाद में चंद्रपुर में कांग्रेस की सभा के दिन कांग्रेस के ही पूर्व सांसद नरेश पुगलिया ने अलग से सभा लेकर एक तरह से शक्ति प्रदर्शन किया। उस सभा में चतुर्वेदी समेत अन्य असंतुष्ट नेता शामिल हुए थे। उसके बाद दिल्ली जाकर इन नेताओं ने चव्हाण के अलावा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश को पद से हटाने की मांग कर दी। शहर कांग्रेस की ओर से चतुर्वेदी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। तब चतुर्वेदी ने कोई जवाब नहीं दिया। अन्य असंतुष्ट नेता व पूर्व सांसद गेव आवारी ने शहर कांग्रेस के विरोध में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखा। इसी सप्ताह चतुर्वेदी की शिक्षा संस्था के एक कार्यक्रम में भाजपा नेता व केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी शामिल हुए। हालांकि कार्यक्रम गैर राजनीतिक था। लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी की चतुर्वेदी ने गडकरी के सहयोग से नई राजनीतिक दिशा में चलने की संभावना का संदेश दिया है। 

Created On :   23 Feb 2018 2:43 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story