गौरतलब है कि डोनवा देथवेल्सन लपांग पहली बार 1992 में मेघालय के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह 2003, 2007 और 2009 में मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए। लपांग के इस तरह से इस्तीफा देने से पार्टी के वरिष्ठ नेतागण अचरज में हैं। मेघालय के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके इस बड़े नेता ने फरवरी 2018 में हुए मेघालय विधानसभा चुनावों में चुनाव नहीं लड़ा था, मगर कांग्रेस के लिए प्रचार जरूर किया था।
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5 बार सीएम रहे दिग्गज नेता ने छोड़ी कांग्रेस, बोले- वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर रही पार्टी

डिजिटल डेस्क, शिलांग। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी को ये बड़ा झटका मेघालय में पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके डोनवा देथवेल्सन लपांग ने दिया है। लपांग ने गुरुवार रात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफा भेजते हुए कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है। डोनवा देथवेल्सन लपांग ने कांग्रेस नेतृत्व पर ‘वरिष्ठ नेताओं’ को दरकिनार करने का आरोप लगाया है।
मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) के पूर्व प्रमुख रहे लपांग ने राहुल गांधी को भेजे इस्तीफे में लिखा कि वह 'अनिच्छा और भारी मन से इस्तीफा दे रहे हैं।' उन्होंने AICC पर वरिष्ठ एवं बुजुर्ग लोगों को दरकिनार करने की नीति पर चलने का आरोप लगाते हुए लिखा, 'मुझे लगता है कि अब वरिष्ठ एवं बुजुर्ग लोगों की सेवा एवं योगदान पार्टी के लिए उपयोगी नहीं रह गई हैं।' लपांग ने कहा, 'इस प्रतिबंध ने मुझे निराश कर दिया और मुझे पार्टी से अलग होने पर मजबूर कर दिया।'
तीन साल से नहीं मिले AICC के मेघालय प्रभारी
वहीं, MPCC के अध्यक्ष सेलिस्टिन लिंग्दोह ने लपांग के पार्टी छोड़ने के निर्णय पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, 'हम कोशिश करेंगे और देखेंगे अगर जल्द से जल्द मामले को निपटाया जा सके।' जबकि AICC के मेघालय के प्रभारी महासचिव लुइजिन्हो फलेरो ने कहा कि वह पिछले तीन साल से लपांग से नहीं मिले हैं।
