बैठक स्थल के विवाद को लेकर संघ पर निशाना साधेगी कांग्रेस, याद कराएगी पुराने दिन

Congress will target RSS on the dispute of meeting venue
बैठक स्थल के विवाद को लेकर संघ पर निशाना साधेगी कांग्रेस, याद कराएगी पुराने दिन
बैठक स्थल के विवाद को लेकर संघ पर निशाना साधेगी कांग्रेस, याद कराएगी पुराने दिन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरोध में महात्मा गांधी के विचारों के साथ नया रणनीतिक कदम बढ़ाने जा रही कांग्रेस को एक और मुद्दा मिल गया है। बापूकुटी सेवाग्राम में बैठक स्थल को लेकर विवाद का मामला कांग्रेस के चुनावी प्रचार कार्यक्रमों में भी होगा। कांग्रेस, संघ से जुड़े विविध घटनाक्रमों को याद दिलाते हुए यह दर्शाने का प्रयास करेगी कि धर्मनिरपेक्ष संगठनों व ताकतों को रोकने का नियोजित कार्य चल रहा है। फिलहाल कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक सेवाग्राम परिसर में ही महादेव भवन में होना तय माना जा रहा है। लेकिन कांग्रेस की ओर से इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण वर्धा में होंगे।

बताया जा रहा है कि विविध व्यवस्था का जायजा लेने व नेताओं से चर्चा के बाद श्री चव्हाण बैठक स्थल की अधिकारिक घोषणा करेंगे। इस बीच बैठक स्थल को लेकर संघ के विरोध की शुुरुआत हो चुकी है। विनोबा आश्रम के प्रमुख विजय दिवाण ने तो संघ की भूमिका पर ही सवाल उठा दिए है। संघ की ओर से फिलहाल कुछ नहीं कहा गया है। संघ विचारक मा.गो वैद्य से जब इस संबंध में प्रश्न किया गया तो वे भी इतिहास याद दिलाने लगे। गौरतलब है कि बापूकुटी परिसर में संघ विचारधारा के लोगों का प्रभाव बढ़ने का आरोप पहले भी लगता रहा है। फिलहाल कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने नियमानुसार अनुमति मांगी। लेकिन बापूकुटी में बैठक की अनुमति नहीं मिल पायी। आश्रम प्रतिष्ठान व नई तालिम के संचालकों ने जगह देने से विरोध किया।

इस मामले में विनोबा आश्रम विजय दिवाण ने पत्र जारी कर इतिहास का स्मरण कराया है। पत्र में कहा गया है-70 वर्ष पहले मार्च 1948 में सेवाग्राम आश्रम में आचार्य विनोबा भावे के मार्गदर्शन में पंडित जवाहरलाल नेहरु, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, शंकरराव देव के नेतृत्व में सर्वोदय समाज व सर्व सेवा संघ की स्थापना हुई थी। तत्कालीन कांग्रेस सचिव शंकरराव देव सर्व सेवा संघ के सचिव बने थे। अाज  उसी सर्व सेवा संघ व सेवाग्राम आश्रम के पदाधिकारी कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक करना चाहते हैं तो उसका विरोध किया जा रहा है।

सर्वोदय की स्थापना के समय विनोबा भावे ने कहा था कि आरएसएस फासिस्ट प्रणाली से काम करता है। असत्य उसकी तकनीक व फिलाशपी का हिस्सा है। सर्वसेवा संघ, सेवाग्राम आश्रम, नई तालिम, सर्वोदय समाज में शामिल लोग जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े हैं। महात्मा गांधी ने नेहरु व िवनोबा को वारिस घोषित किया था। उन्होंने राष्ट्र निर्माण का काम किया। नेहरु, इंदिरा व विनोबा के रहते आरएसएस सामने नहीं आ पाता था।

वैद्य ने भी याद दिलाए पुराने दिन
सेवाग्राम में आरएसएस के प्रभाव संबंधी आरोपों पर संघ विचारक मा.गो वैद्य ने खुलकर कुछ नहीं कहा। लेकिन यह अवश्य कहा कि  पुराने दिन सभी को अच्छे से याद है। 1975 में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन के दौरान उनपर हमला हुआ था तब उनके बचाव में सामने आने वाले नानाजी देशमुख संघ के ही थे।

दबाव की नीति
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा है कि संघ व भाजपा दबाव नीति के तहत काम कर रहे हैं। भय का वातावरण बनाया जा रहा है। भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनते ही देश में नाथूराम गोडसे के मंदिर बनने लगे हैं। सब जानते हैं संघ का विचार किस तरह लोकतंत्र को चुनौती देने वाले है। कार्यसमिति बैठक को लेकर स्थल विवाद के मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण उत्तर देंगे। लेकिन फिलहाल यह अवश्य कहा जा सकता है कि संघ अपनी नीति पर कामय है।

Created On :   28 Sep 2018 7:45 PM GMT

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