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तीन संतान होने पर भी एक संतान की अनुकंपा नियुक्ति पर हो विचार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट किया है भले ही एक पिता के तीन बच्चे है फिर भी उसके बेटे की ओर से किए गए अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन पर विचार किया जाए। हाईकोर्ट ने पंकज खेरे नामक युवक की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सोलापुर जिलापरिषद यह निर्देश दिया है।
याचिका में खेरे ने दावा किया था कि उसके पिता ग्रामसेवक पिता का 16 मई 2010 को निधन हो गया था। खेरे ने याचिका में कहा है कि जब उसके पिता का निधन हुआ तो वह नाबालिग था। परिवार में उसकी मां और दो बहने हैं। इस बीच जब वह वयस्क हुआ और नौकरी के लिए जरुरी योग्यता हासिल कर ली तो उसने सोलापुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास अनुकंपा नियुक्ति के लिए 14 मार्च 2021 को जरुरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया। क्योकि उसके पिता जिला परिषद में ही ग्राम सेवक के रुप में कार्यरत थे। पिता के न रहने के बाद से उसका परिवार वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।
याचिका में खेरे ने कहा है कि उसके घरवालों में से किसी ने भी मुझे नौकरी दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं जताईहै। जिला परिषद के उपमुख्य अधिकारी के पास भी मैंने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया है। इसके बारे में मैंने कई बार प्रशासन को याद दिलाया है और निवेदन भी सौपा है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठके सामने याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कररहे वकीलने कहा कि मेरे मुवक्किल काफी समय से अनुकंपा नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच जिला परिषद की ओर से उन्हें(खेरे) मौखिक रुप से बताया गया कि है कि उनके पिता के तीन बच्चे थे। इसलिए याचिकाकर्ता (खेरे) के अनुकंपा नियुक्ति पर विचार नहीं किया जा सकता है। लेकिन इस बारे में लिखित रुप से कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। याचिकाकर्ता के वकील की ओर से दी गई इस जानकारी व मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने जिला परिषद को याचिकाकर्ता की ओर से अनुकंपा नियुक्ति को लेकर 10 मई 2021 को दिए गए आवेदन पर विचार कर दस सप्ताह के भीतर उचित आदेश जारी करने का निर्देश दिया और याचिका को समाप्त कर दिया।
Created On :   16 Oct 2021 5:51 PM IST