बैंकों में जमा 216 करोड़ पर साइबर डाके की साजिश

Conspiracy of cyber robbery on 216 crores deposited in banks
बैंकों में जमा 216 करोड़ पर साइबर डाके की साजिश
बैंकों में जमा 216 करोड़ पर साइबर डाके की साजिश

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद । गैरकानूनी ढंग से बैंक खातों की जानकारी हासिल कर करीब 216 करोड़ रुपए का साइबर डाका डालने का प्रयास करने के प्रकरण के तार औरंगाबाद से जुड़ गए हैं। सूत्रों ने बताया कि मामले में गिरफ्तार एक स्थानीय न्यूज चैनल के संचालक परमजीत सिंह संधू, उनका साथी राजेश मुन्नालाल शर्मा आैर विशाल धनंजय बेंद्रे कुछ नामी हस्तियों के लिए बैंकों का डेटा खरीदने पैसे लेकर पुणे गए थे, जहां वे साइबर पुलिस के जाल में फंस गए। अब उन्हें औरंगाबाद लाकर साजिश की जड़ों तक पहुंचने और उनसे जुड़े नामी हैकर्स व उन्हें फंडिंग करने वाले उद्योगपतियों पर शिकंजा कसा जाएगा।

पुलिस मामले में अब तक रवींद्र महादेव माशालकर, आत्माराम हरिश्चंद्र कदम, मुकेश हरिश्चंद्र मोरे, राजशेखर यदैहा ममीडा, रोहन रवींद्र मंकणी, विशाल धनंजय बेंद्रे, सुधीर शांतिलाल भटेवरा उर्फ जैन, राजेश मुन्नालाल शर्मा, परमजीत सिंह संधू आैर अनघा अनिल मोडक को गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपियों से 25  लाख रु नकद को मिलाकर कुल 43 लाख, 54  हजार रु की सामग्री जब्त की गई है। आराेपियों में भाजपा की चित्रपट आघाड़ी के शहराध्यक्ष व मराठी इंडस्ट्री के प्रसिद्ध अभिनेता रविंद्र मंकणी का बेटा रोहन भी शामिल है। पूछताछ में कुछ आरोपियों ने कहा है कि वे ऐसी साजिश में पहली बार शामिल हुए तो कुछ ने पहले भी ऐसे कृत्यों को अंजाम देने की बात कबूल की है।

वरुण और अनघा मास्टरमाइंड
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सूरत के वरुण वर्मा और पुणे की नामी स्टॉकब्रोकर अनघा मोडक बैंक खातों का गोपनीय विवरण बेचकर करोड़ों रुपए कमाने की साजिश के मास्टरमाइंड हैं। आरोपियों से जब्त बैंक खातों का विवरण उन्हें सूरत व हैदराबाद से प्राप्त होने की बात प्राथमिक जांच में सामने आई है। कुल 216 करोड़, 29 लाख, 34 हजार, 240 रुपए की राशि पांच खातों से उड़ाई जानी थी। इसके लिए वरुण ने तीन नामी डेटा स्टोर कंपनी में 10 वर्ष से भी अधिक समय से काम कर रहे इंजीनियरों के माध्यम से डेटा चोरी करवाया तो डेटा बेचने अथवा बैंक खातों पर डाका डालने की जिम्मेदारी अनघा की थी। इसी क्रम में हैकर्स से मुलाकात करते-करते अनघा औरंगाबाद के प्लाटिंग व्यवसायी विशाल बेंद्रे के संपर्क में आई और फिर परमजीत सिंह संधू व राजेश शर्मा ने ढाई करोड़ रुपए में पूरा डेटा खरीदने का ऑफर दिया। इतना पैसा एक साथ नहीं होने से परमजीत व राजेश 25 लाख रुपए एडवांस लेकर पुणे पहुंचे। बताया जा रहा है कि बैंक डेटा को वे औरंगाबाद में कुछ लोगों को बेचने वाले थे जिनकी हैकर्स के जरिये बैंकों से पैसा उड़ाने की पूरी तैयारी थी। पैसे उड़ाने के बाद वरुण व अन्य इंजीनियरों को कमीशन देने की बात अलग से तय हुई थी। लेकिन, इससे पहले ही सभी साजिशकर्ता पुलिस के जाल में फंस गए।

हैकर्स बनकर पुलिस ने किया भंडाफोड़
अनघा के हैकर्स से मिलने की जानकारी हाथ लगने के बाद साइबर पुलिस कर्मी स्वयं हैकर्स बनकर पहुंच गए। विश्वास हासिल करने के बाद वे सारी जानकारी वरिष्ठों को पहुंचाते रहे और जैसे ही लेन-देन शुरू हुआ, पुलिस ने छापा मारकर सभी आरोपियों को दबोच लिया।

Created On :   18 March 2021 4:24 PM IST

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