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"उपभोक्ता की सेहत व कल्याण सबसे महत्वपूर्ण'

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बेबी पावडर बनाने वाली कंपनी "जॉनसन एंड जॉनसन" कंपनी का लाइसेंस रद्द करने को लेकर सफाई दी है। हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा है उपभोक्ता की सेहत व कल्याण सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। पावडर बनाने वाली कंपनी अपने उत्पाद के निर्माण को लेकर कानून के तहत तय मानकों का पालन करने में विफल नजर आ रही थी। इसलिए उसके लाइसेंस को रद्द करने की दिशा में कदम उठाया गया है। नियमानुसार जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की यह नैतिक व वैधानिक जिम्मेदारी है वह लोगों तक खास तौर से नवजात शिशुओं तक सुरक्षित व गुणवत्तापूर्ण उत्पाद पहुंचाए। जो उनकी सेहत के लिए सुरक्षित हो।
ड्रग्स एंड कास्मेटिक कानून लोगों की सुरक्षा के लिए लाया गया है। राज्य सरकार के अन्न व औषध प्रशासन (एफडीए) यह हलफनामा "जॉनसन एंड जॉनसन" कंपनी की ओर से दायर याचिका के जवाब में दायर किया है। याचिका में कंपनी ने मुख्य रुप से एफडीए की ओर से 15 व 20 सितंबर 2022 को जारी किए गए आदेश को चुनौती दी गई है। जिसके तहत कंपनी को तत्काल अपने उत्पाद का निर्माण बंद करने का निर्देश दिया गया था। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य सरकार ने नैसर्गिक न्याय का पालन किए बगैर ही लाइसेंस को रद्द करने का आदेश जारी किया है। याचिका के मुताबिक कंपनी मुंबई के मुलुंड स्थित अपनी इकाई में 57 सालों से बेबी पावडर बना रही है। साल 2020 में कंपनी के लाइसेंस का नवीनीकरण भी किया गया था।
गौरतलब है कि मुंबई के मुलुंड इलाके में जॉनसन बेबी पाउडर के उत्पादन की इकाई है। नमूनों की जांच में पाउडर में बच्चों के लिए हानिकारक तत्व पाए जाने के बाद लाइसेंस रद्द करने का फैसला किया गया है।एफडीए के मुताबिक बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले "जॉनसन बेबी पाउडर" में पीएच तय मानक के मुताबिक नही था। इसलिए इसके इस्तेमाल से नवजात और छोटे बच्चों को त्वचा से जुड़ी परेशानी हो सकती है। लिहाजा पावडर का उत्पादन बंद कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने अब 14 नवंबर को इस मामले की सुनवाई रखी है।
Created On :   12 Nov 2022 7:32 PM IST