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उपभोक्ताओं की आफत, पैकेज के लिए जोर दे रहे केबल आपरेटर
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के नए नियम से ग्राहकों को अपनी पसंद के टीवी चैनलों को सब्सक्राइब करने की छूट मिल चुकी है। यह नियम 1 फरवरी से लागू हो चुका है। केबल ऑपरेटरों को उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या देखते हुए 6 फरवरी तक समय दिया गया था। हालांकि शहर में बड़ी संख्या में लोग फिलहाल फ्री टू एयर चैनल ही देख पा रहे हैं। केबल ऑपरेटरों की ऑफिसों पर लोगों की भीड़ लग रही है। यही नहीं, कई इलाकों से केबल ऑपरेटरों द्वारा उपलब्ध कराई गई लिस्ट में चैलन के ग्रुप्स ही प्रदान किए गए हैं और उन्हीं को लेने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि एमएसओ का दावा है कि ग्रुप्स उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। कोई अगर चाहे तो इसके अलग भी चैनल ले सकता है। शिकायतें चैनलों के मूल्य से संबंधित भी हैं। लिस्ट में अलग-अलग चैनल के मूल्य प्रदर्शित नहीं किए गए हैं। इसके साथ ही चैनल शुल्क के साथ हर 25 चैनल के लिए 20 रुपए अतिरिक्त नेटवर्क कैपेसिटी शुल्क देना होगा। एचडी चैनल के लिए यह शुल्क 40 रुपए होगा। कुल दर पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगी।
बुके से नहीं छूटा पीछा
ट्राई की सारी कवायद उपभोक्ताओं को उनके पसंद के चैनल ही लेने और उन्हीं को भुगतान करने के लिए है। इसके बावजूद शहर के कई इलाकों से केबल ऑपरेटरों द्वारा उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए गए फार्म में कई ग्रुप्स बनाए गए हैं और उन्हीं के आधार पर चैनल लेने पर जोर दिया जा रहा है। सदर इलाके में ऑपरेटर आशीष गुप्ता की ओर से उपभोक्ता को दिए गए फार्म की कॉपी दैनिक भास्कर के पास है। इसमें 240 रुपए से लेकर 620 रुपए तक के पैकेज हैं। केबल ऑपरेटर का कहना है कि कोई न कोई पैकेज ही लेना पड़ेगा, इससे अलग कोई चैनल नहीं चुन सकते हैं। अयोध्या नगर में केबल ऑपरेटर ने अपनी मर्जी से लोगों को सोनी और स्टार के चैनल दे दिए और कहा कि एक-एक व्यक्ति के लिए अलग-अलग चैनल देने का समय नहीं है।
उपभोक्ताओं के लिए बनाया पैकेज
केबल सेवा प्रदाताओं के अनुसार, उन्होंने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ही पैकेज बनाए हैं। कई बार उपभोक्ता इतने सारे चैनलों का मूल्य देखने और चुनने के बजाय कहता है पैकेज बताओ। नागपुर डिस्ट्रिक्ट केबल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष बांते ने किसी भी ऑपरेटर के द्वारा पैकेज ही लेने पर जोर दिए जाने का खंडन किया। उन्होंने कहा कि लोग ये शिकायत कर रहे हैं कि पहले जहां 300 रुपए में सैकड़ों चैनल देखते थे, वहीं अब गिनती के चैनलों के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मामले के इतने प्रचार के बाद लोगों को अपने अधिकार के बारे में जानना चाहिए और किसी भी झांसे में नहीं आना चाहिए।
डीटीएच पर पैकेज ही उपलब्ध
डीटीएच की हिंदी सेवा का उपयोग कर रहे देशपांडे ले-आउट निवासी मनोज अग्रवाल का कहना है कि डीटीएच अब भी पैकेज ही उपलब्ध कराने की बात कर रहा है। उन्होंने पैकेज के इतर चैनल उपलब्ध कराने से साफ मना कर दिया।
क्या कहना है ट्राई का
ट्राई प्रमुख राम सेवक शर्मा ने बुधवार को फिर से प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि घरों या व्यावसायिक स्थलों पर एक से ज्यादा केबल कनेक्शन पर डीपीओज जल्द ही अपनी नीति स्पष्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि अथॉरिटी इस पर नजर रखे है और जरूरी हुआ तो दखल भी दे सकता है। हाल ही में जारी क्रिसिल की रिपोर्ट, जिसमें ट्राई के उपभोक्ताओं पर भार कम होने के दावे का खंडन किया गया था, कहा कि रिपाेर्ट पूरे देश के सबसे महंगे चैलनों और बार्क के पिछले एक सप्ताह की रिपोर्ट पर आधारित है। यह पूरी तरह सही तस्वीर सामने नहीं लाती है।
ब्लैक आउट करने वाले ऑपरेटरों काे नोटिस
शर्मा ने कहा कि अथॉरिटी को जानकारी मिली है कि चैनलों की नई व्यवस्था लागू करने की प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को ब्लैक आउट का सामना करना पड़ा है। ऐसे ऑपरेटरों को अथॉरिटी कारण बताओ नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ ऑपरेटरों द्वारा पैकेज व्यवस्था को फिर से लादने की कोशिश की भी शिकायत मिली है, सौ फ्री टू एयर चैलन में चुनने नहीं दिए जाने की भी शिकायत मिली है। अथॉरिटी सभी संबंधित लोगों काे नियमों का पालन करने की ताकीद भी कर रहा है।
उपभोक्ता अपनी मर्जी से चुन सकते हैं चैनल
शर्मा ने कहा कि उपभोक्ता अपनी मर्जी से फ्री टू एयर चैनल, पे चैनल (ए ला क्रेट या बुके या किसी भी कॉम्बिनेशन) चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। किसी भी सेवा प्रदाता द्वारा चाहे वह डीटीएच हो या केबल ऑपरेटर, किसी खास बुके को चुनने या चुनाव को सीमित किए जाने की शिकायत ट्राई के कॉल सेंटर 0120-6898689 या इमेल das@trai.gov.in पर की जा सकती है।
Created On :   7 Feb 2019 2:06 PM IST