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लॉक डाउन जारी रखें पर लोगों की परेशानियां नजरअंदाज न करे सरकार- जानिए संगठनों की राय

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोराना का प्रकोप रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित देशव्यापी लॉक डाउन यानि तालाबंदी की समय सीमा आगामी 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है। महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए तमाम परेशानियों के बावजूद अधिकांश लोग लॉक डाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं। हालांकि इससे बढ़ने वाली दुश्वारियों का अहसास भी उन्हें हैं। इस संबंध में ‘भास्कर डॉट काम ’ ने विभिन्न संगठनों और समाज के प्रबुद्ध नागरिकों से बातकर उनकी राय जानी।
पाबंदियों के बीच चले कोर्ट का कामकाजः बार एसोसिएशन
बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के चैयरमैन सुभाष घाडगे का कहना है कि जिन इलाकों में कोरोना का प्रभाव कम है वहां पर पाबंदियों के साथ दो से तीन घंटे कोर्ट का नियमित कामकाज शुरू करना चाहिए लेकिन जहां पर कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा हैं, ऐसे जिलों में सख्ती से तालेबंदी और सोशल डिस्टेंसिंग को आगे बढ़ाकर और कड़ाई से लागू करना चाहिए। कोर्ट में सिर्फ जरूरी व पुराने मामले सुने जाए। इसके अलावा यदि संभव हो तो जो लोग अलग-अलग जगहों पर अटके पड़े हैं, ऐसे लोगों के लिए कुछ समय के लिए तालेबंदी के नियमों को शिथिल करना चाहिए ताकि ये लोग अपने गांव जा सके।
लॉक डाउन जारी रखने के सवाल पर
हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति बी जी कोलसे पाटिल कहते हैं कि हम कोरोना को लेकर समय पर सतर्क नहीं हुए हैं इसलिए हमारे पास कोरोना का मुकाबला करने के लिए तालेबंदी, व सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हमारे पास न तो कोरोना की जांच के लिए पर्याप्त व्यवस्था है और न दवाए। इसलिए तालेबंदी को बढ़ाना चाहिए ताकी गरीब तबके के लोगों के प्राण बचाए जा सके। अभी भी बड़ी संख्या में लोगों की जांच नहीं हुई है। इसलिए हमारे पास कोरोनाके मरीजों का सही आंकड़ा नहीं है। यदि तालेबंदी को प्रभावी योजना व रणनीति के साथ लागू किया जाता तो बेहतर होता। वरिष्ठ अधिवक्ता व एडवोकेट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया के पूर्व चेयरमैन राजीव चव्हाण का कहना है कि कोरोना के सामुदायिक संक्रमण को रोकने के लिए तालेबंदी व सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ाना जरुरी है। क्योंकि मौजूदा समय में स्थिति ठीक नहीं है। रही बात कामकाज के प्रभावित होने की तो काम तो बाद में भी किया जा सकता है।
ऐसा न हो कोराना से बचे तो भूख से मर जाए
लॉक डाउन की वजह से समाज का हर वर्ग प्रभावित हुआ है पर ओटोरिक्शा-टैक्सी चलाने वालों पर दोहरी मार पड़ रही है। घर चलाने के साथ-साथ उन्हें अपने वाहनों के कर्ज की किश्त और पार्किंग फीस चुकाने की भी चिंता खाए जा रही है। मुंबई टैक्सी मेंन यूनियन के महासचिव एएल क्वाड्रोस कहते हैं कि मुंबई की परिस्थिति देखकर लॉक डाउन बढाने और इसे सख्ती से लागू करने की जरुरत है पर दिल्ली-यूपी की सरकारों की तरह महाराष्ट्र सरकार को भी आटो-टैक्सी वालों की मदद करनी चाहिए। टैक्सी वालों को अपना पेट भरने के साथ बैंक लोन चुकाने की भी चिंता है।
आटो रिक्शा यूनियन के थंबी कुरियन कहते हैं कि यदि और कोई विकल्प नहीं है तो लॉक लाउन को बढाया जाए पर सरकार आटो रिक्शा चालकों की मदद भी करें। इस संबंध में हमने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने अपनी मांग रखी है। सरकार को आटो परमिट से करीब 400 करोड़ की आमदनी हुई है। सरकरा उसमें से आटोरिक्शा चालकों की मदद करे। लॉक डाउन और बढ़ने पर बैंक ईएमआई और पार्किंग शुल्क भरना मुश्किल हो जाएगा। कुरियन कहते हैं कि आटो-टैक्सी वाले कोरोना से बचे तो भूख से मर जाए।
सिर सलामत तो पगड़ी हजार
फेडरेशन आफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह कहते हैं कि कोरोना का प्रसार रोकने के लिए लॉक डाउन बढाना बेहद जरुरी है।जनता भी चाहती है की कोरोना से निपटने के लिए 2 सप्ताह के लिए लॉक डाउन बढ़ाया जाए। उन्होने कहा कि कोरोना के चलते खुदरा बाजार को जो नुकसान होना था हो चुका। सिर सलामत रहेगी तो पगड़ी हजार मिलेगी। इस लिए फिलहाल लोगों की सेहत की चिंता की जानी चाहिए। हालांकि हम केंद्र व राज्य सरकार से कुछ रियायत के एलान की उम्मीद जरुर करते हैं।
‘एक तरफ कुआं, दूसरी तरफ खाई’
कपडा व्यवसायियो के प्रतिष्ठित संगठन ‘भारत मर्चेंट चेम्बर’ के ट्रस्टी व कोरोना के खिलाफ शुरु जंग में सरकार की मदद में जी-जान से जुटे राजीव सिंघल कहते हैं कि यदि लॉक डाउन बढाया गया तो आर्थिक हालत और खस्ता हो जाएगी पर न बढाया गया तो जानलेवा कोरोना वायरस के तेजी से फैलने की आशंका है। ऐसे में सरकार के सामने ‘एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई’ वाली स्थिति है। पर इस दौरान किसानों को अपने खेती के काम करने के लिए कुछ छूट मिलनी चाहिए। साथ ही जगह-जगह फंसे मजदूर अपने घर पहुंच सके तो बहुत अच्छा होगा।
लॉक डाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं शिक्षक
प्रदेश भाजपा शिक्षक आघाडी के मुंबई-कोंकण विभाग के अध्यक्ष अनिल बोरनारे कहते हैं कि स्कूलों और कॉलेजों में कोरोना के संक्रमण के बढ़ने की संभावना बहुत ज्यादा है। इसलिए लॉकडाउन जारी रखना चाहिए। मुंबई की स्थिति नाजूक होती चली जा रही है। राज्य में हर दिन मरीजों की संख्या में बढोतरी हो रही है।
लॉकडाउन को बिल्कुल न हटाया जाएः डिब्बे वाले
मुंबई के डिब्बे वाले भी लॉकडाउन को जारी रखने के पक्ष में हैं। मुंबई डिब्बे वाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तलेकर ने कहा कि लॉकडाउन को बिल्कुल भी नहीं हटाना चाहिए। लॉकडाउन से ही देश और राज्य में कोरोना वायरस नियंत्रण में हैं। यदि लॉकडाउन नहीं होता है तो हमारी स्थिति अमेरिका, स्पेन और इटली की तरह होती।अगर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है तो लॉकडाउन एक साथ अथवा चरण बद्ध तरीके से खत्म करना चाहिए।
लॉक डाउन के समर्थन में है होटल उद्योग
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया (एचआरएडब्लूआई) के अध्यक्ष गुरुबक्श सिंह कोहली कोरोना का प्रसार रोकने के लिए लॉक डाउन बढ़ाए जाने के सरकार के फैसले के समर्थन में हैं। उन्होंने कहा कि देश हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन का बढ़ाना होटल उद्योग के लिए बेहद नुकसानदायक है। लेकिन हम सरकार के फैसले के साथ हैं। हम सरकार के साथ हर तरह से सहयोग कर रहे हैं।
Created On :   11 April 2020 7:15 PM IST