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बंद सरकारी अस्पताल के गेट पर महिला ने दिया बच्चे को जन्म

डिजिटल डेस्क बाकल/कटनी। पहले से ही बेपटरी हो चुकी स्वास्थ्य सेवाएं संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से एकदम चरमरा चुकी हैं । अब तो हालत यह है कि नियमित कर्मचारी भी अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं और अस्पतालों में ताला लटक रहे हैं । इसका खामियाजा मरीजों को भोगना पड़ रहा है आज सुबह यहां एक गर्भवती महिला का प्रसव अस्पताल के बाहर साथ आए मददगारों को कराना पड़ा । । संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। जिले के बाकल में शनिवार को ऐसा सामने आया है जिसने स्वास्थ्य विभाग की बदहाली की कलई खोल कर रख दी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बाकल में सुबह 8 बजे तक ताला नहीं खुलने से मसंदा निवासी राहुल कोल की पत्नी वंदना की डिलेवरी अस्पताल के दहलान में उसके साथ आई महिलाओं की मदद से कराई गई। इसे सौभाग्य ही कहा जाएगा कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह भी था कि प्रसव के तीन घंटे बाद तक ड्यूटी नर्स अस्पताल नहीं पहुंची थी।
तहसीलदार के बुलाने पर भी नहीं पहुंची ड्यूटी नर्स
जानकारी के अनुसार मसंदा से राहुल कोल की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर सुबह साढ़े सात बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बाकल लाया गया। यहां पर ताला बंद होने से बीएमओ डॉ.एस.के.पाठक से सम्पर्क किया तो बीएमओ ने बताया कि अस्पताल में नर्स की ड्यूटी है और वह जल्द ही पहुंचेगी। जानकारी लगते ही नायब तहसीलदार डी.एस.बागरी भी अस्पताल पहुंचे और उन्होने भी नर्स को कॉल किया लेकिन नर्स ने कॉल रिसीव नहीं किया।
ग्रामीणों ने की मदद
इसी बीच महिला को तेज दर्द उठा तो वहां मौजूद लोगों ने चादर आदि की व्यवस्था कराई। साथ आई महिलाओं एवं गांव की दाई की मदद से प्रसव कराया गया लेकिन तब तक ड्यूटी नर्स नहीं पहुंची थी। बताया गया है कि सुबह 11 बजे तक अस्पताल में ताला ही लटका रहा और जच्चा-बच्चा दोनों ने दहलान में ही नीचे फर्श पर पड़े रहे। इस मामले में बीएमओ ने सीएमएचओ को भी गुमराह करने का प्रयास किया और नर्स के समय पर पहुंंचने की जानकारी दे दी। सीएमएचओ डॉ.अशोक अवधिया का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी और जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके विरुद्ध कार्यवाही होगी।


Created On :   10 March 2018 4:56 PM IST