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भूमिगत गटर योजना में लेटलतीफ ठेकेदार पर लगा जुर्माना

डिजिटल डेस्क, अमरावती। स्थानीय महानगरपालिका क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम अब भी एक अबूझ पहेली बनी हुई है। स्थिति यह है कि अब भी शहर के पॉश इलाकों में गटर लाइन नहीं बिछ पाई है। जिससे नागरिकों को घरों में सेफ्टी टैंक बनाने पड़ रहे हैं। वहीं वेस्टेज पानी के लिए भी अब तक खुली नालियों का उपयोग ही किया जा रहा है। मनपा क्षेत्रों को खुली नालियों से मुक्त करने तथा नागरिकों को बेहतर ड्रेनेज सिस्टम उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भूमिगत गटर योजना का काम 2019 में शुरू किया गया था, लेकिन यह योजना अपने निर्धारित समय से 18 माह पीछे चल रही है।
संपूर्ण मनपा क्षेत्रों को भूमिगत ड्रेनेज सिस्टम उपलब्ध कराने के लिए शहर को 9 हिस्सों में बांटा गया था। यह कार्य नवंबर 2020 में पूरा किया जाना था। लेकिन मजीप्रा द्वारा नियुक्त किए गए ठेकेदार इसे पूरा करने में विफल रहे हैं। जिस कारण मजीप्रा की ओर से एस. जी. इन्फ्रा नामक कंपनी पर 80 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वहीं इस दौरान योजना की लागत में 2 करोड़ 79 लाख रुपए की बढ़ोतरी हुई है। शुरुआत में इस योजना का कुल खर्च 38 करोड़ आका गया था। जोकि अब बढ़कर 40 करोड़ के पार हो चुका है। मजीप्रा की ओर से भूमिगत गटर योजना को पूरा करने हेतु जो 9 जोन निर्धारित किए गए हैं। उनमें से 7 जोन में 70 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है। फिलहाल शहर में केवल गाडगेनगर क्षेत्र में ही भूमिगत गटर योजना का लक्ष्य पूरा हो सका है।
गाडगेनगर प्रभाग शहर का एकमात्र ऐसा क्षेत्र है। जहां नागरिक सेफ्टीक टैंक से पूरी तरह मुक्ति पा चुके हैं। मजीप्रा के अभियंता सुधीर मेश्राम द्वारा बताया गया कि इस वर्ष सितंबर के अंत तक भूमिगत गटर योजना पूरी हो सकेगी। अलग-अलग विभागों की एनओसी तथा व्यक्तिगत रूप से खड़ी की जानेवाली अडचनों के साथ ही निधि की आपूर्ति में होनेवाली देरी के कारण योजना में पिछड़ने की बात कही जा रही है।
Created On :   17 March 2022 3:41 PM IST