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बायो वेस्ट प्रबंधन पर मनपा और निजी अस्पतालों में बढ़ा विवाद

डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर के निजी अस्पतालों और नागपुर महानगरपालिका के बीच बायो वेस्ट के प्रबंधन को लेकर ठन गई है। कारण, मनपा द्वारा लागू बायो वेस्ट उठाने के शुल्क को 30 रुपए प्रति किलो से बढ़ा कर 100 रुपए प्रति किलो कर दिया गया है। 6 अक्टूबर से तो शहर के कई अस्पतालों से बायो वेस्ट उठाना बंद कर दिया गया है। इसी मुद्दे पर विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट की शरण ली है। मामले में हाईकोर्ट ने मनपा व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बाकायदा करार हुआ था
वर्ष 2004 में नागपुर महानगरपालिका, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और एक वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी मेसर्स सूपर्ब हाईजीन डिस्पोजल लिमिटेड के बीच बीच बायो वेस्ट के प्रबंधन को लेकर करार हुआ था। इसके तहत उक्त कंपनी को नागपुर के अस्पतालों से बायो वेस्ट इकट्ठा करके उसके प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्ष 2019 में मनपा ने परिपत्रक जारी कर के शुल्क में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की। 30 रुपए प्रति किलो की दर से अस्पतालों से बायो वेस्ट उठाने का फैसला लिया गया। इसके बाद लगातार इस शुल्क में वृद्धि होती गई। वर्ष 2020 तक यह शुल्क 100 रुपए प्रति किलो कर दिया गया। आईएमए ने भी इस पर सहमति जता दी, लेकिन विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन ने इसका विरोध किया।
हल नहीं निकला, इसलिए कोर्ट में
दरअसल, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने बायो वेस्ट के लिए एक विस्तृत गाइड लाइन बना रखी है। कौन अस्पताल को प्रतिमाह कितना बायो वेस्ट निकालने की अनुमति है, इसके प्रबंधन की दरें क्या होंगी, यह भी स्पष्ट किया गया है। याचिकाकर्ता ने नागपुर महानगरपालिका और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखकर कई बार इस पर हल निकालने की प्रार्थना की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसी बीच 6 अक्टूबर से कंपनी ने कई अस्पतालों से बायो वेस्ट उठाना बंद कर दिया, जिससे अस्पताल में बायो वेस्ट प्रबंधन की समस्या हो गई है। इस स्थिति में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली है।
Created On :   26 Oct 2021 10:39 AM IST