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यूनिवर्सिटी में 2 मार्च को होने वाले अंतरराष्ट्रीय परिषद को लेकर छिड़ा विवाद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी और भाजपा प्रणीत शिक्षक मंच द्वारा दो मार्च को अंबाझरी रोड स्थित गुरुनानक भवन में "रिडिफायनिंग इन्वायरमेंटल गवर्नेंस फॉर स्मार्ट सिटी" विषय पर अंतरराष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया गया है। लेकिन कार्यक्रम के पूर्व इसमें एक विवाद जुड़ गया है। नागपुर विश्वविद्यालय के शिक्षक मंच के साथ मिल कर इस कार्यक्रम के आयोजन पर विद्यार्थी संगठन राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने महाराजबाग चौक स्थित यूनिवर्सिटी परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
दरअसल इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। आयोजकों में भाजपा के कुछ विधायकों और शिक्षक मंच के पदाधिकारियों का नेतृत्व है। लिहाजा राविकां का आरोप है कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों के पूर्व नागपुर विश्वविद्यालय को भाजपा के प्रचार मंच के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। विश्वविद्यालय इस परिषद के लिए फंड और अपना सभागृह दे रहा है। जिससे विद्यार्थियों के पैसों से भाजपा का प्रचार होने का आरोप संगठन की ओर से लगाया जा रहा है। इस मामले में हिंदी विभाग प्रमुख और परिषद के डायरेक्टर डॉ. प्रमोद शर्मा से फोन पर संपर्क करने पर संपर्क नहीं हो सका। मामले में राविकां के शैलेंद्र तिवारी ने प्रतिनिधिमंडल के साथ कुलगुरु डॉ. काणे से मुलाकात करते हुए कार्यक्रम रद्द करने या फिर शिक्षण मंच को इस आयोजन से बाहर का रास्ता दिखाने की मांग की है।
उभरी तनाव की स्थिति
हाल ही में एबीवीपी द्वारा किए प्रदर्शन में हुई हिंसा और तोड़फोड़ की घटना के कारण राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस के पदाधिकारियों और यूनिवर्सिटी सुरक्षा रक्षकों के बीच तनाव देखने को मिला। दरअसल संगठन के कुछ पदाधिकारी प्रशासकीय परिसर में कुलगुरु को निवेदन सौंपने के लिए जाना चाह रहे थे। सुरक्षाकर्मियों ने केवल पांच लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी, लेकिन सभी पदाधिकारी एक साथ कुलगुरु से मिलने की जिद करने लगे। अंदर नहीं जाने देने पर वे गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए। एबीवीपी ने भी इसी प्रकार अंदर न जाने देने पर विवि में जमकर तोड़ फोड़ की थी। इस घटना को न दोहराया जाए इसलिए विवि ने अपने सभी सुरक्षा रक्षकों को गेट पर तैनात कर दिया। मामले में सीताबर्डी पुलिस की भी मदद ली गई। अंतत: मामले को शांत करने के बाद प्रतिनिधिमंडल को कुलगुरु से मिलने की अनुमति दी गई। इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल पांडेय, रुद्र धाकडे, सय्यद सुफियान, सरवर अंसारी, राकेश बोरिकर, सय्यद शाहबाज, तौसिफ शेख, सुमेध सहारे, आकाश चिमणकर व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
Created On :   27 Feb 2019 12:59 PM IST