34 साल बाद हो रहे कांग्रेस सेवादल के महाधिवेशन के लिए जुटे शहर के पदाधिकारी

convention congress seva dal, congress party, nagpur, congress workers
34 साल बाद हो रहे कांग्रेस सेवादल के महाधिवेशन के लिए जुटे शहर के पदाधिकारी
34 साल बाद हो रहे कांग्रेस सेवादल के महाधिवेशन के लिए जुटे शहर के पदाधिकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  फौजी अनुशासन व राष्ट्रप्रेम का जज्बा जगाकर कार्यकर्ता तैयार करने के लक्ष्य के साथ बने कांग्रेस सेवादल को चुनाव तैयारी का बूस्ट देने की तैयारी चल रही है। 13 व 14 फरवरी को अजमेर में संगठन का महाधिवेशन होनेवाला है।  34 साल बाद हो रहे सेवादल के इस महावेशन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे। संगठन का इतिहास नागपुर से गहरा जुड़ा रहा है। समय समय पर यहां कार्यकर्ता सक्रियता दिखाते रहे हैं। लिहाजा महाधिवेशन की तैयारी को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो रहा है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में सेवादल कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलने वाली है। कांग्रेस सेवादल के शहर अध्यक्ष रामगोविंद खोबरागड़े की अध्यक्षता में महाधिवेशन को लेकर हुई बैठक में बताया गया है कि राजस्थान के अजमेर में होनेवाले महाधिवेशन में देश भर के कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर काम का प्रशिक्षण भी मिलेगा। प्रदेश सेवादल के अध्यक्ष विलास औताडे के नेतृत्व में जिला स्तर से कार्यकर्ताओं को महाधिवेशन में ले जाया जाएगा।

दी जाएगी चुनावी कार्यक्रमों को गति

कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय संगठक कृष्णकुमार पांडे के अनुसार महाधिवेशन के माध्यम से चुनाव तैयारी के कार्यक्रमों को गति दी जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने सेवादल को सक्रिय करने का प्रयास किया है। प्रदेश स्तर पर सम्मेलन व पदयात्राओं का आयोजन किया गया है। महाराष्ट्र में सेवादल की स्थिति काफी मजबूत रही है। लिहाजा यहां से अधिकाधिक कार्यकर्ता महाधिवेशन में शामिल होंगे। महाधिवेशन में प्रदेश स्तर से मार्च पास्ट यूनिट शामिल होंगे। एक यूनिट में 89 कार्यकर्ता रहेंगे। इसके अलावा यंग ब्रिगेड व सांस्कृतिक क्षेत्र के कार्यकर्ता भी रहेंेगे। 8 फरवरी को ही प्रमुख कार्यकर्ता अजमेर पहुंच जाएंगे। कांग्रेस सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक धवड़ के अनुसार सेवादल में संगठनात्मक राजनीति को दूर किया जाना चाहिए। राजीव गांधी ने संगठन को ताकत दी थी। राहुल गांधी भी उसी दिशा में बढ़ रहे हैं। कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का काफी महत्व है।
 

ऐसा रहा है इतिहास

कांग्रेस सेवादल का इतिहास नागपुर से जुड़ा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार व डॉ.नारायण सुब्बाराव हार्डीकर सहपाठी थे। दोनाें कांग्रेस के कार्यकर्ता थे। झंडा सत्याग्रह के समय डॉ.हार्डीकर को नागपुर सेंट्रल जेल में डाला गया। 1921 में डॉ.हार्डीकर के सहयोगियों के साथ मिलकर राष्ट्र सेवा मंडल बनाया था। मंडल के माध्यम से उन्होंने युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए प्रशिक्षण देने सैनिक अनुशासन का पाठ पढ़ाने की योजना बनायी। 1923 में कर्नाटक में कांग्रेस के सम्मेलन में सरोजनी नायडू ने हिंदुस्तानी सेवादल बनाने का प्रस्ताव रखा।  उस संगठन का पहला चेयरमैन जवाहरलाल नेहरू को बनाया गया। डॉ.हार्डीकर ने नागपुर में राष्ट्र सेवा मंडल नामक जो संगठन बनाया था, उसी को हिंदुस्तानी सेवादल व बाद में कांग्रेस सेवादल का नाम दिया गया। कांग्रेस सेवादल के शाखा पाठ को डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नाम से आगे बढ़ाया। 
 

1984 में हुआ था महाधिवेशन

-आपातकाल के दौर से गुजरने के बाद इंदिरा गांधी ने कांग्रेस के 4 प्रकोष्ठों से प्रमुखता से अधिवेशन कराया था। 1984 में  युवक कांग्रेस का महाधिवेशन बंगलुरु , एनएसयूआई का महाधिवेशन नागपुर व महिला कांग्रेस का महाधिवेशन इलाहाबाद में हुआ था। कांग्रेस सेवादल का महाधिवेशन गांधी मैदान पटना में कराया गया था। 
-सेवादल महाधिवेशन में  इंदिरा गांधी शामिल हुई थीं। सेवादल का सदस्य बनाकर राजीव गांधी को कांग्रेस में प्रवेश दिलाया गया था। सेवादल के महत्व को समझते हुए इंदिरा गांधी ने इस संगठन का काफी विस्तार कराया था। स्थिति यह थी कि पंजाब मेें आपरेशन ब्लू स्टार के बाद खतरे को देखते हुए सेवादल कार्यकर्ता ही इंदिरा गांधी की सुरक्षा में विविध स्थानों पर तैनात रहते थे। इंदिरा गांधी के बाद सेवादल एक तरह से बिखर गया। कहीं सत्ता में स्थान की मांग उठने लगी तो कहीं कांग्रेस नेताओं के साथ टकराव सामने आने लगा। स्थिति यहां तक पहुंची कि सेवादल की बैठकें भी बंद हो गई। 

Created On :   4 Feb 2019 12:54 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story