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कोरोना संकट ने रेस्टोरेंट व्यवसाय को किया तबाह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना महामारी ने देश की आर्थिक गतिविधियों को तो धीमा किया ही है लेकिन इस महामारी ने होटल व रेस्टोरेंट उद्योग को तबाह कर दिया है। कोरोना के चलते कई उद्योग अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं। बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ी है। इस महामारी ने काफी लोगों व परिवारों को प्रभावित किया है। कोरोना ने रेस्टोरेंट व्यवसाय को काफी क्षति पहुंचाई है। हाईकोर्ट ने यह बात वित्तीय संकट के चलते आत्महत्या करने वाले एक रेस्टोरेंट कारोबारी से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान कही।
न्यायमूर्ति भारती डागरे ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि विरार में स्टार प्लैनेट नाम का रेस्टोरेंट चलाने वाले कारोबारी ने कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से पैदा हुई आर्थिक दिक्कतों की वजह से होटल मालिक के साथ हुए अनुबंध के तहत निर्धारित मुनाफे का हिस्सा नहीं दे पा रहे थे। लगातार उनसे पैसे का तगादा होता रहा। इस बीच उन्हें लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए भी ढाई लाख रुपए का इंतजाम करना पड़ा। इस तरह आर्थिक संकट से जूझ रहे 48 वर्षीय रेस्टोरेंट कारोबारी ने आत्महत्या कर ली। इसके बाद कारोबारी की पत्नी ने मामले को लेकर पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ रेस्टोरेंट कारोबारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज किया। आरोपी किशोर पाटील व जयेंद्र पाटील ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कारोबारी की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले की जांच की जरुरत नजर आ रही है। इसलिए आरोपियों को जांच के लिए तीन सप्ताह तक हर मंगलवार सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे के बीच पुलिस स्टेशन में हाजिर रहने का निर्देश दिया जाता हैऔर आरोपियों को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी जाती है। आरोपी किसी भी तरह से मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड न करे। न्यायमूर्ति ने अब मामले की सुनवाई 3 सितंबर 2021 को रखी है।
Created On :   18 Aug 2021 6:05 PM IST