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कोरोना इफेक्ट, गर्मी से महाराजबाग के वन्यजीव हो रहे बेहाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आमतौर पर अप्रैल माह के शुरूआत में ही महाराजबाग प्रशासन की ओर से वन्यजीवों को गर्मी से निजात के लिए कूलर शुरू कर दिये जाते हैं। कुछ वन्यजीवों के खान-पान में यभी बदलाव किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना के खौफ के कारण कूलर शुरू नहीं हो सके हैं। वही आसानी से फल, सब्जी नहीं मिलने से वन्यजीवों के खान-पान में बदलाव भी नहीं किया है। जिससे वन्यजीव को गर्मी से बेहाल होते देखा जा सकता है।
महाराजबाग जू नगरवासियों के साथ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यहां जंगल में रहनेवाले जानवरों को पिंजरे में रखा गया है। जिसमें बाघ, तेंदुआ, भालू आदि बड़े जानवरों के साथ मोर, इमू आदि पक्षी भी शामिलहैं। इनके रहने के लिए पिंजरे में शेड आदि की व्यवस्था की है। जहां वह अपने सुविधा के अनुसार रहते हैं। बाकी मौसम में भले ही कोई दिक्कत नहीं हो, लेकिन ग्रीष्म में बढ़ती धूप का सीधा असर इन पर देखने मिलता है। गर्मी से इनका हाल बे-हाल हो जाता है। ऐसे में प्रशासन की ओर से हर बार इनकी सुविधाओं के लिए कूलर की मदद ली जाती है। दरअसल यह कूलर पिंजरे के बाहर से इस तरह लगाये जाते हैं, ताकि पशु-पक्षियों को ठंडी हवा मिल सके।
जानवर अपने सुविधा के कुलर की ठंडी हवा में समय गुजारते हैं। वर्तमान स्थिति यहां कुलर लगा दिये हैं। लेकिन इसे ्ब तक शुरू नहीं किया है। जिसका मुख्य कारण कोरोना का डर है। ज्यादा ठंडी जगह पर कोरोना वायरस पनपता है। इस तरह की जानकारी रहने से कूलर शुरू नहीं किया गया है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि जल्दी ही कूलर शुरू किए जाएंगे। इन दिनों धूप तेज हो रही है। जिससे वन्यजीव गर्मी से बेहाल होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। ग्रीष्म में कुछ वन्यजीवों का खान-पान भी बदला जाता है। जिसमें मांसाहारी वन्यजीवों को कम-कम डायट दिया जाता है। बंदर, लंगूर आदि को रसीलें फल दिये जा रहे हैं। जिसमें तरबूज, खीरे, आम, पपीता शामिल हैं। इस बार कोरोना के कारण बाजार प्रभावित रहने से आसानी से वन्यजीवों को फल नहीं मिल पा रहा है।
कूलर पिंजरे के बाहर लगा दिये गए हैं। जल्दी इसे शुरू किया जाएगा। फिलहाल कोरोना के चलते इसे शुरू नहीं किया है।
सुनील बावस्कर, प्रभारी, महाराजबाग जू नागपुर
Created On :   11 April 2020 3:40 PM IST