जिप में सत्ता परिवर्तन विकास पर कोरोना की मार, अपात्र शिक्षक बने "आदर्श'

Corona hit on power change development in ZIP, ineligible teacher becomes model
जिप में सत्ता परिवर्तन विकास पर कोरोना की मार, अपात्र शिक्षक बने "आदर्श'
जिप में सत्ता परिवर्तन विकास पर कोरोना की मार, अपात्र शिक्षक बने "आदर्श'

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  जिला परिषद में वर्ष की शुरुआत सत्ता परिवर्तन से हुई। 8 वर्ष बाद 7 जनवरी को चुनाव हुआ। जिप की 58 सीट हैं, इसमें से 30 सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर भाजपा के हाथ से सत्ता छीन ली। चुनाव पूर्व गठबंधन कर कांग्रेस और राकांपा ने मिलकर चुनाव लड़ा। कांग्रेस को बहुमत के लिए आवश्यक संख्याबल मिलने से राकांपा का महत्व कम हो गया। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चुनाव में राकांपा के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दोनाें पदों पर कांग्रेस ने कब्जा किया। अध्यक्ष रश्मि बर्वे और उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे चुने गए। फरवरी महीने में सभापति चुनाव हुए। कांग्रेस ने 3 सभापति पद अपने पास रखे। राकांपा को एक सभापति पद पर संतुष्टि करनी पड़ी। पदाधिकारियों के सत्ता संभालने के बाद कामकाज की शुरुआत होने से पहले ही कोराेना संक्रमण ने दस्तक दे दी। इस संकट से बचाव के लिए देश लॉकडाउन हो गया।
 
आर्थिक स्थिति डगमगाई
कोरोना काल में जिला परिषद की आर्थिक स्थिति डगमगा गई। सत्ता परिवर्तन होकर सिंगल पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने पर विकास को गति मिलने की उम्मीद जगी थी। जिला परिषद की तिजोरी खाली हो जाने से विकास ठप हो गया। राज्य सरकार ने विविध अनुदान की रकम नहीं मिली। जिला नियोजन समिति से विकासकार्यों के लिए मिलनेवाला फंड भी रुक गया। राज्य सरकार ने मुद्रांक शुल्क कम कर दिया, इसका भी जिला परिषद की आय घट गई।

स्वास्थ्य सेवा पर अतिरिक्त खर्च 
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला परिषद को अतिरिक्त खर्च करना पड़ा। औषधि, मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट, ऑक्सीजन व अन्य सामग्री खरीदी पर सेस फंड में बची रकम खर्च की गई। निधि कम पड़ने पर जिले के विधायकों ने अपनी निधि से जिला परिषद को आर्थिक सहायता की।

सीईओ ने पेश किया बजट
लॉकडाउन में आमसभा बुलाने पर पाबंदी रही। 27 मार्च से पहले जिप का बजट पेश करने का नियम है। आमसभा पर पाबंदी लगाए जाने से राज्य सरकार ने सीईओ को बजट मंजूर करने अधिकार दिए। सीईओ ने एक कमेटी बनाकर बजट मंजूर किया।

पहली आमसभा की उपाध्यक्ष ने संभाली कमान
जुलाई महीने में सरकार की अनुमति से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की शर्त पर 24 जुलाई को वनामति में पहली आमसभा हुई। सभा की नोटिस जारी होने के बाद पति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से अध्यक्ष रश्मि बर्वे होम क्वारेंटाइन हो गई। उनकी अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे ने आमसभा की कमान संभाली।

कार्यकारी अभियंता पर एसीबी ट्रैप
कोरोना काल में ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय टाकलीकर पर एसीबी ने ट्रैप किया। एक ठेकेदार का बिल पास करने के लिए एक लाख रुपए लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। इस प्रकरण से जिला परिषद कर्मचारियों में खलबली मच गई।

एक सप्ताह जिप रही लॉकडाउन
कोरोना प्रकोप के चलते इतिहास में पहली बार जिला परिषद एक सप्ताह लॉकडाउन रही। जिला परिषद के विविध विभागों के करीब 40 कर्मचारी कोरोना संक्रमित होने से यह कदम उठाया गया। बाहर से आने वालों के प्रवेश पर भी जिला परिषद में पाबंदी लगानी पड़ी। नागरिकों को पत्राचार अथवा शिकायत के लिए ऑनलाइन सुविधा की गई।

अपात्र शिक्षक का "आदर्श" पुरस्कार रद्द
आदर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए विभागीय जांच के जद में रहे शिक्षक का चयन करने से जिला परिषद की किरकिरी हुई। प्रकरण उजागर होने पर संबंधित शिक्षक का पुरस्कार रद्द किया गया। इस मामले में गटशिक्षणाधिकारी ने जिला परिषद को गुमराह करने की जानकारी सामने आई। दोषी गटशिक्षणाधिकारी के िखलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। फाइल सीईओ के टेबल पर धूल खाती बताई गई है।
 

Created On :   29 Dec 2020 8:13 AM GMT

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