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कोरोना लैब : नागपुर एम्स को 34 कॉलेजों की जिम्मेदारी, ICMR से मिला ग्रीन सिग्नल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को महाराष्ट्र, गोवा के अलावा दमन दीव और दादर नगर हवेली राज्यों के 34 मेडिकल कॉलेजों में कोरोना की लैब स्थापित करने के लिए मनोनित किया है। इन लैब को मान्यता देने से लेकर उनके स्टॉफ को प्रशिक्षण देने का काम एम्स करेगा। इसके लिए विभिन्न कॉलेजों से 3 से 4 लोग स्टॉफ के लिए एम्स जाएंगे।
तीन बिन्दुओं पर हो रहा है काम
कोरोना के लिए सबसे महत्वपूर्ण जांच है उसके बाद आइसोलेशन और फिर क्वारंटाइन। इन तीन बिन्दुओं पर वर्तमान में काम किया जा रहा है। वहीं, नई कोरोना लैब स्थापित करने के लिए वहां के सामान, मैन पॉवर, स्टॉफ और बिल्डिंग का जानकारी मांगी जा रही है जिससे उनको दूर कर सके। इसके लिए फंड का प्रावधान राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा। कुछ कॉलेजों ने जानकारी मिलने के तुरंत बाद एम्स से संपर्क किया गया है और वह अपने यहां कोरोना की जांच लैब स्थापित कर बीमारी को खत्म करने में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं।
एम्स की डायरेक्टर डॉ.विभा दत्ता का कहना है कि हम प्रत्येक सेंटर के 2 लैब असिस्टेंट और 1 माइक्रो बाॅयोलॉजिस्ट को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य ले रहे है जिसके बाद यह लोग आगे जाकर अपने संस्थान में अन्य स्टॉफ को प्रशिक्षण दे सकें। अभी हमारे यहां सेवकराम और सावंगी से तीन-तीन का स्टॉफ प्रशिक्षण के लिए आया है, इनमें काम करते समय दूरी बनी रहे हम इस पर भी ध्यान दे रहे हैं।
माइक्रोबाॅयोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ.मीना मिश्रा का कहना है कि हमें 5 जिलों के सैंपल की जांच की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन कुछ समय ऐसा भी होता है जब सैंपल बढ़ जाने की वजह से पेंडिंग हो जाते है। उसको लेकर हमने एक और मशीन बढ़ाने की तैयारी कर रहे है। हमारी लैब में 24 घंटे में 100 सैंपल करने की क्षमता है और हमारे यहां एवरेज करीब 85 सैंपलों की जांच नियमित हो रही है।
Created On :   11 April 2020 8:53 PM IST