कोरोना ने लोगों के अनपेक्षित बर्ताव को दिखाया-हाईकोर्ट  

Corona shows unexpected behavior of people - High Court
कोरोना ने लोगों के अनपेक्षित बर्ताव को दिखाया-हाईकोर्ट  
कोरोना ने लोगों के अनपेक्षित बर्ताव को दिखाया-हाईकोर्ट  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना ने लोगों के अनपेक्षित बर्ताव को दिखाया है। खासतौर से ऐसे लोगों के जिनके अपने करीबी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इस महामारी ने पूरी दुनिया को घुटनों के बल खड़ा कर दिया। जिसके गवाह सभी बने हैं।  फिर भी राज्य सरकार व सरकारी तंत्र बेहतर तरीके से इस महामारी से निपटने का प्रयास कर रही है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने  कोरोना संक्रमित अपनी मां के उपचार की चिंता में कथित तौर पर उपद्रव मचाने व सरकारी अधिकारियों के कामकाज में बाधा पैदा करने के आरोपी बेटे को जमानत देते हुए यह बात कही।  आरोपी स्वप्निल लांडे की माँ 25 जुलाई 2020 को कोरोना संक्रमित पायी गई थी। सरकारी अस्पताल में जब कोई बेड नहीं मिला तो आरोपी को अपनी माँ को घर में ही क्वारेंटाइन करना पड़ा पर पास- पड़ोस के लोगों ने उस पर माँ को अस्पताल ले जाने का दबाव बनाया। इसके चलते जब वह निजी अस्पताल में गया तो उससे एक लाख रुपए के एडवांस की मांग की गई। इस बीच उसके ग्रामपंचायत में सर्वेक्षण के लिए सरकारी अधिकारी आए। उनसे आरोपी ने माँ के इलाज की व्यवस्था करने को कहा पर उन्होंने उसे कहा कि वह उनसे दूर रहे नहीं तो उसे ग्रामपंचायत में बंद कर दिया जाएगा। उसे ग्रामपंचायत के कार्यालय में आने से मना किया गया। 

आरोपी के कृत्य से नाराज सरकार गाड़ी के ड्राइवर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें आरोपी पर उपद्रव मचाने व सरकारी अधिकारियों की ड्यूटी में रुकावट पैदा करने का आरोप लगाया गया। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की।  मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति डागरे ने कहा कि एक घटना को लेकर दो मत सामने आ रहे हैं। पहला यह कि आरोपी ने जो किया वह अपनी मां की इलाज की चिंता में किया। दूसरा सरकारी अधिकारी आरोपी से इसलिए दूरी बना रहे थे क्योंकि उसको माँ कोरोना संक्रमित थी। कोरोना महामारी ने लोगों को अनपेक्षित आचरण व स्थिति दिखाई है खासतौर से ऐसे लोगों को जिनके करीबी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इस माहमारी ने पूरी दुनिया को घुटने टेकने पर मजबूर किया है। जिसके सभी गवाह है।

न्यायमूर्ति ने कहा कोरोना महामारी से निपटना सरकार व सरकारी तंत्र की जिम्मेदारी है वह इसे अपने स्तर पर पर बेहतर तरीके से निभाने की दिशा में कार्य भी कर रहा है। चूंकि इस मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरुरत नहीं है इसलिए उसे 20 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है। लेकिन उसके गैर जिम्मेदाराना आचरण को उचित नहीं माना जा सकता है। इसलिए उसे मुख्यमंत्री राहत कोष में दस हजार रुपए जमा करने का निर्देश दिया जाता है। 

Created On :   19 Sep 2020 1:25 PM GMT

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