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कोरोना वायरस का बदला स्वरूप , तेजी से बढ़ रहा संक्रमण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बढ़ते संक्रमण दर काे लेकर इसमें कोरोना के स्वरूप बदलने की बातें भी कही जा रही थीं। इसको लेकर हाल ही में महापौर ने भी वीडियो बनाकर यह स्पष्ट किया है कि यह कोरोना का नया स्वरूप है। इसलिए हमें भी सतर्क होना पड़ेगा। इसके साथ ही डॉक्टरों का भी कहना है कि यह वायरस "म्यूटेट" (स्वरूप बदलना) हो रहा है। इसकी संक्रमण दर ज्यादा है। नागपुर से इसकी जांच के लिए सैंपल भेजे गए थे। कुछ सैंपल की जांच में खुलासा हुआ है कि नागपुर में "म्यूटेट" वायरस है।
नई रिपोर्ट में म्यूटेशन की पुष्टि
कोविड पर लगातार शोध करने वाले इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के पीएसएम विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक जाधव ने बताया कि यह वायरस अन्य वायरस की तरह है। हर वायरस समय के साथ "म्यूटेट" होता है। यह दूसरे वायरस में भी हुआ है। इनफ्लुएंजा में भी हुआ है। नागपुर से इसकी जांच के लिए कुछ सैंपल दिल्ली भी भेजे गए थे। वहां से जो रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार कुछ सैंपल में म्यूटेशन मिला है।
70 प्रतिशत मरीजों के साथ दिक्कत
डॉ. जाधव ने संक्रमण बढ़ने का बड़ा कारण बताया कि हमारे शहर में 31 हजार के करीब कोविड मरीज होम आइसोलेशन में हैं। होम आइसोलेशन में सभी के घर में अलग कमरा, अलग बाथरूम जैसी सुविधाएं नहीं होतीं। अगर होती भी हैं, तो उस घर मंे लोग ज्यादा होते हैं। इससे पूरी तरह आइसोलेशन संभव नहीं हो पा रहा है। साथ ही इसमें ज्यादातर मरीज बिना लक्षण वाले और कम लक्षण वाले हैं। वह लोग सोचते हैं, हमें कुछ नहीं हुआ है और वह बाहर सब्जी-दूध आदि सामान लेने के लिए निकल जाते हैं। इस वजह से भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
ऑक्सीजन स्तर होता है कम
यदि कोई व्यक्ति पॉजिटिव होता है, तो उस समय परेशानी नहीं होती है। धीरे-धीरे परेशानी बढ़ती है। सीटी स्कैन करने पर असली परेशानी सामने आ जाती है। इसलिए होम आइसोलेट मरीज भी सावधान रहें और समय-समय पर अपनी जांच कराते रहें। धीरे-धीरे संक्रमण बढ़ता है, जिसके बारे में मरीज को भी पता नहीं चलता है। इसे "हैप्पी हाइपोक्सिया" कहा जाता है। इसमें धीरे-धीरे ऑक्सीजन स्तर कम होता जाता है। फिर अचानक परेशानी होने पर सीटी स्कैन कराते हैं, तो उसका स्कोर 9 या 10 के आसपास जाता है। इसलिए पॉजिटिव होने के बाद 6 या 7वें दिन सीटी स्कैन कराना चाहिए। इसमें सही रिपोर्ट मिल सकती है।
खुद इलाज न करें डॉक्टर को दिखाएं
अभी ट्रांसमिशन बढ़ गया है। असिम्प्टोमेटिक मरीज भी हैं तो पॉजिटिव आने के तुरंत बाद उन्हें डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज शुरू करना चाहिए। इससे माइल्ड से मॉडरेट और मॉडरेट से गंभीर केस होने से बचा सकते हैं। लोग पॉजिटिव आने के बाद भी 2-3 दिन घर पर रहते हैं। खुद ही दवा खाकर इलाज करते हैं। इस तरह ज्यादा दिन निकालने पर कोविड बढ़ जाता है। इसलिए परेशानी होती है। जितनी जल्दी हो सके बीमारी का पता लगना चाहिए और उसका इलाज शुरू होना चाहिए।
- डॉ. अविनाश गावंडे, अधीक्षक, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल
Created On :   1 April 2021 3:10 PM IST