- Home
- /
- आंखों पर भी लगी कोरोना की नजर,...
आंखों पर भी लगी कोरोना की नजर, दिमाग तक फैल रहा इंफेक्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना मरीजों को एक और खतरनाक बीमारी घेर रही है, हालांकि इसके मामले कम हैं लेकिन ये बेहद खतरनाक है। इस बीमारी की वजह से आंखों में फंगल इंफेक्शन के भी मामले सामने आ रहे हैं। इंफेक्शन बढ़ने पर आंखों की रोशनी जाने का खतरा है। मामला ज्यादा गंभीर होने पर यह फंगल इंफेक्शन दिमाग में भी फैल सकता है। कोरोना के साथ-साथ अब म्यूकर माइकोसिस ने मरीजों की चिंता को और बढ़ा दी है।
संक्रमण गंभीर, सतर्कता जरूरी
यह रोग कोरोना से संक्रमित या इससे ठीक हो चुके मरीजों में फैल रहा है। यह एक फंगल इन्फेक्शन है, जो आमतौर पर नाक और साइनस के जरिये शरीर में प्रवेश करता है। सबसे ज्यादा खतरा डाइबिटीज, एचआईवी पीड़ित मरीज और कैंसर वाले मरीजों को होता है। कोविड-19 से रिकवर हुए मरीजों को विशेष एहतियात बरतने की जरुरत है। इस बीमारी के कारण आंखों की रोशनी जा सकती है। शहर में भी पिछले 2 से 3 सप्ताह में ऐसे 250 से 300 मामले आए, जिसमें मरीजो की आंख तक निकालनी पड़ी है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह गंभीर संक्रमण है, इसलिए सतर्कता जरूरी है। यह संक्रमण नाक और गले से शुरू होता है, लेकिन जल्दी ही आंखों, मस्तिष्क और पूरे शरीर में फैल जाता है। यदि समय रहते उपचार न हो, तो मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर हो सकता है।
क्या करना चाहिए
अगर मरीजों की नाक में अवरोध उत्पन्न हो, आंख या गाल में सूजन हो, नाक में काला सूखा क्रस्ट बनने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और बायोप्सी करानी चाहिए। एंटीफंगल थेरेपी की डॉक्टर भी सलाह देते हैं। शुरुआती लक्षण गंभीर होने में कुछ दिन या हफ्ते ले सकते हैं। इंफेक्शन कितनी तेजी से फैलेगा, यह आपकी इम्यूनिटी पर निर्भर करता है। कभी-कभी यह दो हफ्ते तक का समय ले लेता है।
क्या है म्यूकर माइकोसिस
यह एक तरह का फंगल इंफेक्शन है, जिसके अब तक काफी गंभीर परिणाम देखने को मिले हैं। इस बीमारी के मरीजों की आंख की रोशनी चली जाती है, जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है और 15 दिन के भीतर उसका दिमाग भी क्षतिग्रस्त हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार अगर इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में न पकड़ में आए तो मरीज को बचा पाना काफी मुश्किल होता है।
अब तक 66 ऑपरेशन किए
कोरोना से लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से हाई डोज की दवाईयां दी जाती है। वातावरण में नॉर्मली एक फंगस होता है, जिसको म्यूकर बोलते हैं। नॉर्मल समय में यह फंगस तकलीफ नहीं देता है, लेकिन जब इम्यूनिटी कम हो जाती है, तो पूरे सायनस, नाक, आंख में फंगस डिपॉजिट हो जाते हैं। यह फंगस दांत और नाक के माध्यम से ब्रेन की तरफ जाता है। इस बीमारी को जल्द से जल्द निकालना पड़ता है, क्योंकि इसका असर अन्य ऑर्गन पर भी पड़ता है। इसके लिए बाहर से ऑपरेशन करना पड़ता है। सायनस और फंगस पूरा निकालना पड़ता है। उस वक्त आंख भी निकालनी पड़ती है। मैंने म्यूकर माइकोसिस के अभी तक 66 ऑपरेशन किए हैं। शहर में अभी तक 250 से 300 तक ऑपरेशन हुए हैं।-डॉ. मदन कापरे, नेत्र चिकित्सक
Created On :   6 May 2021 10:43 AM IST