कोरोना से मचा हा-हाकार, कैजुअल्टी के गेट बंद किए

Corrupted from Corona, closed the gates of casualty
कोरोना से मचा हा-हाकार, कैजुअल्टी के गेट बंद किए
कोरोना से मचा हा-हाकार, कैजुअल्टी के गेट बंद किए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूरे जिले में कोरोना ने हाहाकार मचा दिया है।  मेडिकल अस्पताल की कैजुअल्टी में इतने ज्यादा मरीज आए कि कैजुअल्टी के गेट तक बंद करने पड़े। डॉक्टर भी इस स्थिति से घबरा गए। 17 बेड का कैजुअल्टी पूरी तरह कोरोना मरीजों से भर गया। डॉक्टरों के पास इलाज करने के लिए बेड कम पड़ गए, दवाई खत्म हो गई, यहां तक की मरीजों को अंदर बुलाने तक के लिए जगह खत्म हो गई। इस स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने रविवार रात 9 बजे प्रशासन तक बात पहुंचाने के लिए धरना-प्रदर्शन किया। इससे किसी भी मरीज को प्रभावित भी नहीं होने दिया। डॉक्टरों ने कहा कि यही आपातकाल है, यही महामारी है। प्रशासन किसका इंंतजार कर रहा है। 

मानवता के लिए धरने पर बैठे हैं
धरने पर बैठे डॉक्टरों ने नाम न बताते हुए कहा कि हम हमारे एसोसिएशन के लिए नहीं, अपने नाम के लिए नहीं, अपने कॉलेज के लिए नहीं बल्कि मानवता के लिए धरने पर बैठे हैं। पिछले साल काेरोना के पीक में भी प्रशासन की स्थिति बिगड़ी थी, फिर उसके करीब 1 साल बाद तक प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की। हम यदि गंभीर मरीज को नहीं बचा सकते, तो कम से कम जो सामान्य मरीज हैं, जिसका सिटी स्कैन स्कोर 11 या 12 है, उसे सलाइन लगाकर या फेबिफ्लू देकर बचा सकते हैं, लेकिन उसके लिए भी संसाधन खत्म हो गए हैं। वर्तमान स्थिति यह है कि हममें से भी कोई संक्रमित होता है, तो उसके इलाज के लिए भी सुविधा नहीं है। 

मरीजों को खड़े रहने तक की जगह नहीं
अस्पतालों के वार्ड में मरीज के खड़े रहने तक की जगह नहीं बची। स्थिति इतनी खराब हुई कि पहली बार मरीजों के कारण शाम को मेडिकल की कैजुअल्टी गेट बंद कर मरीजों को बाहर रोकना पड़ा। मरीजों की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने धरना-प्रदर्शन कर यह बात प्रशासन तक पहुंचाने के कोशिश की। डॉक्टरों ने कहा कि हमारा प्रशासन इस महामारी को आपातकाल की स्थिति की तरह कब लेगा। यह आपातकाल है। जहां तक संभव है सभी रेसिडेंट डॉक्टर्स मरीजों का इलाज करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें संसाधन तो दो। हमारे पास मरीज को रखने के लिए बेड नहीं हैं। उन्हें देने के िलए ऑक्सीजन नहीं है। गंभीर मरीज के लिए वेंटिलेटर नहीं है।  इलाज करने के लिए दवाइयां नहीं हैं। कैसे मरीज का इलाज संभव है।
 

Created On :   12 April 2021 5:48 AM GMT

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