80 लाख के फर्जीवाड़े में अफसरों की मिलीभगत!

corruption of 80 lakh rupees collusion of the officers
80 लाख के फर्जीवाड़े में अफसरों की मिलीभगत!
80 लाख के फर्जीवाड़े में अफसरों की मिलीभगत!

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। डेढ़ महीने का वक्त गुजरने के बावजूद 80 लाख की धोखाधड़ी के आरोपी कटंगा, एपीआर कॉलोनी निवासी नीरज श्रीवास्वत की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। अब पता चला है कि आरोपी को बचाने में कुछ पुलिस के आला अफसर ही जुटे हुए हैं। यही वजह है कि पुलिस कप्तान के 24 घंटों में गिरफ्तारी के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाईं गईं। पुलिस विभाग के एक अन्य आला अफसर ने टीआई को आदेश जरूर दिया है कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, लेकिन आरोपी को गोद में उठाए रखने वाली गोरखपुर पुलिस से उम्मीदें न के बराबर ही हैं। 

कुर्की की कार्यवाही क्यों नहीं
लीज में हिस्सेदारी के फेर में कई लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने वाले आरोपी के आगे पूरा पुलिस अमला सरेण्डर हो गया है। कई दिनों से आरोपी खुलेआम घूम रहा है, लेकिन पुलिस ने रत्ती भर की जहमत नहीं उठाई। पुलिस महकमे से ही यह बात निकल कर आ रही है कि किसी विभागीय हस्ती की दखलंदाजी की वजह से पुलिस ने हथियार डाल दिए हैं। दूसरी तरफ यह सवाल भी उठने लगा है कि आरोपी के खिलाफ ईनाम की घोषणा और कुर्की जैसी कार्यवाही के लिए किस मुहूर्त का इंतजार किया जा रहा है? 


एसपी के फरमान की अनसुनी
हद तो इस बात की है कि आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पिछले दिनों पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में गंभीरता दिखाई थी। इस बात के आदेश टीआई को दिए गए थे कि आरोपी नीरज श्रीवास्तव को 24 घंटों के भीतर गिरफ्तार किया जाए। हैरानी वाली बात यह है कि इस फरमान को गोरखपुर पुलिस ने ऐसे हवा में उड़ा दिया कि एसपी ऑर्डर की नाफरमानी के चर्चे कई दिनों तक विभाग में चलते रहे। 
 

9 करोड़ तक धोखाधड़ी का आंकड़ा
शिकायतकर्ता प्रतीक जैन का कहना है कि आरोपी नीरज श्रीवास्तव ने खनिज विभाग की फर्जी एनओसी तैयार करके कई लोगों को अपने फंदे में लिया। अनुमान के मुताबिक आरोपी अब तक तकरीबन एक दर्जन लोगों को चूना लगा चुका है। धोखाधड़ी की रकम 9 करोड़ के अासपास तक पहुंच गई है। 


ये है मामला
मेसर्स एसएस इंटरप्राइजेस के नीरज श्रीवास्तव को गोसलपुर तहसील सिहोरा की खसरा क्रमांक 115, 160, 123, 151 की कुल 39.440 हेक्टेयर क्षेत्र में खनिज निकालने मप्र शासन ने वर्ष 2007 में लीज दी थी। जो वर्ष 2027 तक के लिए है। नीरज ने इस खदान में प्रतीक जैन काे हिस्सेदार बनाने के बाद उससे 80 लाख रुपए हड़प लिए। बाद में पीड़ित ने जब खोजबीन की तो पता चला कि लीज में हिस्सेदारी संभव ही नहीं है और न ही खनिज िवभाग इस पर किसी तरह की अनुमति देता है। इसके बाद प्रतीक ने आरोपी से रुपए लौटाने की बात कही, लेकिन आरोपी ने साफ मनाही कर दी। इसके बाद गोरखपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। जिस पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा-420 सहित अन्य के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया।

 

Created On :   4 Jun 2018 12:58 AM IST

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