कॉटन खरीदी केंद्र संचालकों की मनमानी, किसानों से नहीं खरीदा जा रहा पर्याप्त कपास

Cotton procurement center operators arbitrary, not enough cotton is being purchased from farmers
कॉटन खरीदी केंद्र संचालकों की मनमानी, किसानों से नहीं खरीदा जा रहा पर्याप्त कपास
कॉटन खरीदी केंद्र संचालकों की मनमानी, किसानों से नहीं खरीदा जा रहा पर्याप्त कपास

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में वर्षा निमकर और ज्ञानेश्वर बेरड ने याचिका दायर कर कपास किसानों की समस्या उठाई है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा अधिकृत कपास खरीदी केंद्र संचालक लॉकडाउन काल में मनमानी पर उतर आए हैं। वे पर्याप्त मात्रा में कपास नहीं खरीद रहे हैं। ऐसे में हाईकोर्ट कपास खरीद केंद्रों को अधिक से अधिक मात्रा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास खरीदने के आदेश जारी करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई है।  याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, राज्य सरकार और चंद्रपुर जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

साथ ही मामले में पहले से विचाराधीन नितीन राठी की याचिका के साथ इस मामले की सुनवाई लेने का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनिल धवस के अनुसार विदर्भ समेत राज्य भर में इस बार पर्याप्त मात्रा में कपास उत्पादन हुआ है। लॉकडाउन में कपास खरीदी की प्रक्रिया गड़बड़ा गई है। कपास नहीं बिकने से किसान परेशानी में है। किसानों का कपास बिके, उसका योग्य मूल्य उन्हें मिले इसके लिए चंद्रपुर जिले में कई बार आंदोलन हुआ। मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक को ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन सरकार और प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली है।

Created On :   3 Jun 2020 6:09 AM GMT

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