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कोर्ट में प्रमाणिकता सिद्ध न कर पाए, लगाई 10 हजार की कॉस्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाईकोर्ट में अपनी प्रमाणिकता सिद्ध न करने पर नागपुर खंडपीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले इरशाद जब्बार खान पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है।
यह है मामला
याचिकाकर्ता ने वाड़ी के आरक्षित जमीन पर किए गए निर्माणकार्य को अवैध बता कर वाड़ी नगर परिषद काे जांच करने के आदेश देने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की थी। याचिका में असीम कुमार घोष व ज्ञानेश्वर गावंडे द्वारा कोहले ले-आउट में किए गए निर्माणकार्य को भी अवैध बताया गया था। आरोप लगाए थे कि इन्होंने सड़क परियोजना के लिए आरक्षित जमीन पर अवैध निर्माणकार्य किया। इस पर नगर परिषद की सफाई थी कि वर्ष 1992 की एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उक्त आरक्षण को पहले ही रद्द कर दिया था।
हल इस प्रकार निकाला
इस पूरे विवाद में हाईकोर्ट ने एक हल निकाला। हाईकोर्ट ने न सिर्फ घोष व गावंडे के निर्माणकार्य पर, बल्कि स्वयं याचिकाकर्ता द्वारा किए गए निर्माणकार्य की वैधता जांचने के आदेश नगर परिषद को दिए। नगर परिषद ने इन तीनों को नोटिस जारी किया। यह सामने आया कि याचिकाकर्ता के घर का निर्माणकार्य ही अवैध है। याचिकाकर्ता ने नगर परिषद द्वारा मंजूर नक्शे के विरुद्ध जाकर निर्माणकार्य किया था।
फिर यह कदम उठाया
वाड़ी नगर परिषद के इस उत्तर के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी प्रमाणिकता सिद्ध करने के आदेश दिए। उन्हें हाईकोर्ट विधि सेवा में अपनी सेवाएं देने को कहा गया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने स्वयं को समाजसेवक बताया है, तो वे अपनी समाज सेवा का प्रदर्शन करें। याचिकाकर्ता अपनी सेवाएं नहीं दे सके। इसके बाद हाईकोर्ट ने उन पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई। याचिका का निपटारा करते हुए अवैध निर्माणकार्य पर कार्रवाई करने के आदेश वाड़ी नगर परिषद को दिए गए। मामले में वाड़ी नगर परिषद की ओर से एड.महेश धात्रक ने पक्ष रखा।
Created On :   11 Feb 2021 9:54 AM IST