बुलेट ट्रेन के लिए महाराष्ट्र में बनेगी देश की पहली समुद्री सुरंग

Countrys first sea tunnel to be built in Maharashtra for bullet train
बुलेट ट्रेन के लिए महाराष्ट्र में बनेगी देश की पहली समुद्री सुरंग
महाराष्ट्र बुलेट ट्रेन के लिए महाराष्ट्र में बनेगी देश की पहली समुद्री सुरंग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बुलेट ट्रेन के लिए महाराष्ट्र में समुद्र के भीतर 7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने से जुड़ी निविदा मंगाई है। इसके अलावा राज्य में कुल 21 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण के लिए बोलियां आमंत्रित की गई है। पैकेज एमएएचआसआर-सी-2 के तहत यह निविदा मंगाई गई है जिसमें टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग करते हुए 21 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाने वाली है। इसके तहत ठाणे की खाड़ी (इंटरडिडल जोन) में जो 7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनेगी वह महाराष्ट्र ही नहीं देश की भी पहली समुद्री सुरंग होगी। सुरंग में एकल ट्यूब होगी जिसमें बुलेट ट्रेन के आने और जाने के लिए दो रास्ते होंगे। बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स में बनने वाले स्टेशन से लेकर शिलफाटा तक भूमिगत सुरंग बनाई जाएगी। सुरंग जमीन से 25 से 65 मीटर तक गहरी होगी। इसका सबसे ज्यादा गहरा निर्माण बिंदु शिलफाटा के पास होगा जहां सुरंग पारसिक पहाड़ियों से 114 मीटर गहरी होगी। निविदा अगले साल 12 से 19 जनवरी भरी जा सकेगी जबकि यह 20 जनवरी को खुलेगी। इससे पहले बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स में भूमिगत रेलवे स्टेशन के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। 20 अक्टूबर इसकी अंतिम तिथि है। 

करीब 98 फीसदी जमीन का अधिग्रहण
महाविकास आघाडी सरकार के दौर में  सुस्त गति से चल रहे भूमि अधिग्रहण के कार्य ने तेजी पकड़ ली है। आंकड़ों के मुताबिक अब तक परियोजना के लिए लगने वाली 97.82 फीसदी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। इसमें से गुजरात में 98.87 फीसदी जबकि महाराष्ट्र में 95.45 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। राज्य में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 433.82 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है जिसमें से 414.09 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। मुंबई में 100 फीसदी यानी 4.82 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है जबकि पालघर जिले में 287.74 हेक्टेयर में से 273.96(95.21%) हेक्टेयर जबकि ठाणे जिले में जरूरी 141.26 हेक्टेयर में से 135.31(95.79%) जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। राज्य की अधिग्रहित जमीनों से वनभूमि मिलाकर 71.83 फीसदी जमीन एनएचएसआरसीएल के कब्जे में आ चुकी है। 


 

Created On :   23 Sep 2022 2:29 PM GMT

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