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फेरीवालों के पक्ष में कोर्ट, राज्य सरकार को लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में फेरीवालों के व्यवसाय पर सरकारी नियंत्रण के लिए जरूरी टाउन वेंडिंग कमेटी के गठन में लापरवाही बरतने वाली राज्य सरकार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने आड़े हाथों लिया है। नागपुर महानगरपालिका द्वारा कमेटी के गठन का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास लंबे वक्त से विचाराधीन है, इस पर नाराजगी जताते हुए न्या. सुनील शुक्रे और न्या. अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने कहा कि इस प्रशासनिक लापरवाही के कारण गरीब फेरीवालों को रोजगार के लिए तरसना पड़ता है, जबकि भारतीय संविधान में उन्हें रोजगार का मूल अधिकार दिया गया है। ऐसे में इस पर राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए।
अंतिम सुनवाई के लिए दायर की याचिका : कोर्ट ने सरकार को 27 अक्टूबर तक मामले में उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश देकर याचिका को अंतिम सुनवाई के लिए दायर कर लिया। इसी बीच सरकार को कमेटी के गठन पर फैसला लेने की छूट दी गई है। हाईकोर्ट में फेरीवालों के समूह ने याचिका दायर करके जरीपटका क्षेत्र से फेरीवालों को हटाने का विरोध किया है। कुछ दिनों पूर्व स्थानीय निवासियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने मनपा को क्षेत्र से अतिक्रमणकारियों को हटाने के आदेश दिए थे। अब फेरीवालों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनके अधिवक्ता एड.मोहम्मद अतिक ने दलील दी कि मनपा ने इस कार्रवाई के पूर्व न तो फेरीवालों का सर्वेक्षण किया और न ही उनके वैकल्पिक रोजगार की चिंता की। सीधे फेरीवालों पर कार्रवाई कर दी। इसके जवाब में मनपा के अधिवक्ता जैमिनी कासट ने तर्क दिया कि फेरीवालों के व्यवसाय के प्रबंधन के लिए नियमानुसार टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन जरूरी है। मनपा के प्रस्ताव भेजने के लंबे वक्त के बाद भी राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई फैसला नहीं लिया। जब तक वेंडिंग कमेटी गठित नहीं की जाती, यह मुद्दा हल नहीं हो सकता। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किया है।
Created On :   9 Oct 2021 2:46 PM IST