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कोर्ट ने याचिका की खारिज कहा- पुलिस आयुक्त ने नहीं लिया सोच-समझ कर फैसला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नागपुर पुलिस आयुक्त के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसके तहत पुलिस आयुक्त ने भारत सहारे (28,नि.वाडी) एक वर्ष के लिए स्थानबद्ध करने का फैसला लिया था। 21 जुलाई 2018 को जारी नागपुर पुलिस आयुक्त के इस आदेश पर गृह मंत्रालय ने 16 सितंबर 2020 को इस पर मुहर लगाई थी। इसके पहले 28 जुलाई 2020 को ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसे नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में रखा गया है। आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फैसले को चुनौती दी।
कानून की दृष्टि से ठीक नहीं
हाईकोर्ट में आरोपी के वकील राजेंद्र डागा ने दलील दी कि पुलिस ने गलत मंशा से आरोपी को स्थानबद्ध किया है। आरोपी पर दर्ज आखिरी मामले और स्थानबद्धता के आदेश में एक लंबा अंतराल है। हाईकोर्ट ने भी इस आधार को सही मान कर आरोपी को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि स्थानबद्धता का आदेश जारी करने वाले अधिकारी को पूरी तरह सजग रह कर इस प्रकार के विशिष्ट आदेश जारी करने चाहिए, लेकिन इस मामले में यह लगता है कि संबंधित अधिकारी ने सोच-समझ कर यह फैसला नहीं लिया है, साथ ही गृह मंत्रालय द्वारा इस पर मुहर लगाना भी कानून की दृष्टि से ठीक नहीं है। हाईकोर्ट ने आरोपी को तुरंत रिहा करने के आदेश जारी किए।
Created On :   15 Feb 2021 1:12 PM IST